70 साल के अधिक उम्र के लोगों को स्वास्थ्य बीमा से लाखों परिवारों को मिलेगी राहत : उद्योग

70 साल के अधिक उम्र के लोगों को स्वास्थ्य बीमा से लाखों परिवारों को मिलेगी राहत : उद्योग

  •  
  • Publish Date - September 12, 2024 / 04:58 PM IST,
    Updated On - September 12, 2024 / 04:58 PM IST

नयी दिल्ली, 12 सितंबर (भाषा) आयुष्मान भारत के तहत 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी लोगों को स्वास्थ्य बीमा प्रदान करने के सरकार के कदम से लाखों परिवारों को बहुत जरूरी राहत मिलेगी और यह बुजुर्गों को आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। उद्योग जगत के लोगों ने बृहस्पतिवार को यह बात कही।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी पीएम-जेएवाई) के तहत 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी लोगों को स्वास्थ्य बीमा सुविधा प्रदान करने की मंजूरी दी थी। यह सुविधा सभी बुजुर्गों को मिलेगी, बेशक उनकी आमदनी कितनी भी हो। इससे लगभग छह करोड़ वरिष्ठ नागरिक लाभान्वित होंगे।

पांच लाख रुपये के निःशुल्क स्वास्थ्य बीमा कवर से लगभग 4.5 करोड़ परिवारों के वरिष्ठ नागरिकों को लाभ मिलेगा।

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए स्वास्थ्य सेवा उद्योग निकाय ‘नेटहेल्थ’ के अध्यक्ष अभय सोई ने कहा, “हमारा मानना ​​है कि यह पहल लाखों परिवारों को आवश्यक राहत पहुंचाएगी और समावेशी स्वास्थ्य सेवा में अग्रणी के रूप में भारत की स्थिति को मजबूत करेगी।”

उन्होंने कहा कि लाभ पैकेज को जनसंख्या वर्ग के अनुरूप बनाया जाना चाहिए ताकि यह देखभाल की संपूर्ण श्रृंखला को शामिल कर सके।

सोई ने कहा कि नेटहेल्थ इसके क्रियान्वयन में सरकार को सहयोग देने के लिए तैयार है।

इसी प्रकार, भारतीय औषधि उत्पादकों के संगठन (ओपीपीआई) के महानिदेशक अनिल मताई ने इस पहल को ‘बुजुर्गों को आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर’ बताया।

उन्होंने कहा, “यह निस्संदेह एक अधिक समावेशी स्वास्थ्य देखभाल परिवेश को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है और हम इसका स्वागत करते हैं।”

सरकार के इस कदम का स्वागत करते हुए भारतीय चिकित्सा प्रौद्योगिकी संघ (एमटीएआई) के चेयरमैन पवन चौधरी ने कहा कि एबी पीएम-जेएवाई के तहत 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी वरिष्ठ नागरिकों को- चाहे उनकी आय कुछ भी हो – स्वास्थ्य बीमा देने का निर्णय सराहनीय है।

उन्होंने कहा, “एमटीएआई ने लगातार इस समावेशन की वकालत की है और इस कदम से भारत की वृद्ध होती आबादी के लिए समान स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध होगी, जो एक ऐतिहासिक कदम है।”

पारस हेल्थ ग्रुप की मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) सैंटी साजन ने सरकार के इस कदम को भारत की बुजुर्ग आबादी को आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करने की दिशा में एक बहुत जरूरी कदम बताया।

इसी प्रकार, फिक्की (स्वास्थ्य सेवाएं) के अध्यक्ष हर्ष महाजन ने कहा, “जैसे-जैसे हमारी बुजुर्ग आबादी बढ़ रही है, वैसे-वैसे विशेष वृद्धावस्था देखभाल की आवश्यकता भी बढ़ रही है, और यह विस्तार अधिक परिवारों को अत्यधिक चिकित्सा खर्च के बोझ के बिना आवश्यक सेवाओं तक पहुंच प्रदान करेगा।”

हालांकि, उन्होंने कहा कि लाभार्थी आधार का इतना बड़ा विस्तार वास्तविक चुनौतियां पैदा करता है। विशेष रूप से यह देखना होगा कि छोटे और मध्यम आकार के अस्पतालों के लिए यह योजना कितनी व्यवहार्य बैठती है।

भाषा अनुराग अजय

अजय