एचडीएफसी बैंक का एकीकृत शुद्ध लाभ मार्च तिमाही में सात प्रतिशत बढ़ा

एचडीएफसी बैंक का एकीकृत शुद्ध लाभ मार्च तिमाही में सात प्रतिशत बढ़ा

एचडीएफसी बैंक का एकीकृत शुद्ध लाभ मार्च तिमाही में सात प्रतिशत बढ़ा
Modified Date: April 19, 2025 / 08:03 pm IST
Published Date: April 19, 2025 8:03 pm IST

मुंबई, 19 अप्रैल (भाषा) एचडीएफसी बैंक का एकीकृत शुद्ध लाभ पिछले वित्त वर्ष की जनवरी-मार्च तिमाही में सात प्रतिशत बढ़कर 18,835 करोड़ रुपये हो गया। हालांकि, कंपनी ने शनिवार को आवास और कॉरपोरेट ऋण खंडों में मूल्य निर्धारण से जुड़े मुद्दों पर चिंता जताई, जिससे उसकी ऋण वृद्धि प्रभावित हो रही है।

एकल आधार पर, निजी क्षेत्र के सबसे बड़े ऋणदाता ने समीक्षाधीन तिमाही के लिए 17,616 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 16,512 करोड़ रुपये था।

समीक्षाधीन तिमाही के दौरान शुद्ध ब्याज आय 10.3 प्रतिशत बढ़कर 32,070 करोड़ रुपये हो गई, जबकि शुद्ध ब्याज मार्जिन मामूली रूप से बढ़कर 3.5 प्रतिशत हो गया तथा सकल अग्रिम वृद्धि 5.4 प्रतिशत रही।

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एचडीएफसी बैंक के मुख्य वित्तीय अधिकारी श्रीनिवासन वैद्यनाथन ने कहा कि बैंक ने जानबूझकर ऋण वृद्धि को धीमा करने और वित्त वर्ष के लिए देनदारियों पर ध्यान केंद्रित करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि जमा वृद्धि 15 प्रतिशत से अधिक रही है।

उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि इससे बैंक को मार्च में अपने ऋण जमा अनुपात को एक साल पहले की समान अवधि के 104 प्रतिशत से कम करके 96 प्रतिशत करने में मदद मिली है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2026-27 में इस प्रमुख संख्या को और कम करके विलय-पूर्व स्तर 85-90 प्रतिशत तक लाने का लक्ष्य है।

पिछले वित्त वर्ष (2024-25) में ऋण वृद्धि बैंकिंग प्रणाली के 11 प्रतिशत से कम है। वैद्यनाथन ने कहा कि बैंक का लक्ष्य चालू वित्त वर्ष (2025-26) में प्रणाली के बराबर ऋण बढ़ाना है और अगले वित्त वर्ष में बाजार हिस्सेदारी हासिल करने के लिए प्रणाली से आगे निकलने के लिए इसमें तेजी लाना है।

हालांकि, अधिकारी ने कहा कि बैंक को मूल्य निर्धारण के मोर्चे पर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, जिसके कारण वह कुछ ऋण प्रस्तावों से दूर रह रहा है।

उन्होंने विशेष रूप से गृह ऋण का उल्लेख किया, जो कुल 26.43 लाख करोड़ रुपये के खाते का 30 प्रतिशत है।

उन्होंने बताया कि प्रतिद्वंद्वियों द्वारा ‘तीव्र’ मूल्य निर्धारण के कारण इसके संवितरण में 20 प्रतिशत तक की गिरावट आई है।

भाषा अनुराग पाण्डेय

पाण्डेय


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