नयी दिल्ली, 18 जुलाई (भाषा) हंगल कॉफी एक्सपोर्टिंग प्राइवेट लिमिटेड ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने अपने सभी निर्यात खेप को यूरोपीय संघ के वन कटाई नियम (ईयूडीआर) के अनुरूप बनाने के लिए टिकाऊ आपूर्ति श्रृंखला समाधान प्रदाता, टीआरएसटी01 के साथ सहयोग किया है।
यूरोपीय संघ वन कटाई नियम (ईयूडीआर) अगले साल जनवरी से लागू होगा। इसका उद्देश्य वनों की कटाई वाले क्षेत्रों से यूरोपीय संघ के बाजारों में कॉफी, कोको, रबड़, पामतेल, सोया और अन्य वस्तुओं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाना है।
कंपनी ने बयान में कहा कि हंगल कॉफी एक्सपोर्टिंग भारत की पहली कंपनी बन गई है जिसने ईयूडीआर-अनुपालन समाधान टीआरएसटी01चेन को अपनाया है।
कंपनी ने कहा कि टीआरएसटी01चेन का कार्यान्वयन कंपनी की आपूर्ति श्रृंखला में स्थिरता को बढ़ाते हुए वैश्विक मानकों का पालन करने की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। यह पहल न केवल टिकाऊ व्यवहार के लिए कंपनी की प्रतिबद्धता को मजबूत करती है बल्कि भारत में कॉफी उद्योग के लिए एक मानक भी स्थापित करती है।
टीआरएसटी01 ने रबड़, कॉफी और कोको के कारोबार में लगी 18 वैश्विक फर्मों में इसी तरह के समाधान अपनाने में मदद की है। इनमें भारत में अपोलो टायर्स और सिएट, आइवरी कोस्ट में गोल्डन रबड़, इंडोनेशिया में टावर कमोडिटीज और गदजाह रुकू और मलेशिया में सेंग हिन शामिल हैं।
हंगल कॉफी एक्सपोर्टिंग के कार्यकारी निदेशक अनिल सीतारमण ने बयान में कहा, ‘हम इस अभूतपूर्व समाधान को लागू करने के लिए टीआरएसटी01 के साथ साझेदारी करके रोमांचित हैं। टीआरएसटी01 चेन न केवल स्थिरता के हमारे मूल्यों के अनुरूप है, बल्कि हमारे संचालन में पारदर्शिता भी सुनिश्चित करता है।’’
उद्योग के अनुमानों के अनुसार, यूरोपीय संघ को भारत का कॉफी निर्यात उसके कुल निर्यात का लगभग 57 प्रतिशत है। भारत सालाना 57 प्रतिशत कॉफ़ी निर्यात करता है, जिसकी कीमत 60 करोड़ डॉलर (5,000 करोड़ रुपये) से ज़्यादा है। हंगल कॉफ़ी एक्सपोर्टिंग के अनुसार, भारतीय कॉफ़ी उत्पादन में 70 प्रतिशत रोबस्टा बीन्स और 30 प्रतिशत अरेबिका बीन्स का इस्तेमाल होता है।
भाषा राजेश राजेश अजय
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