नयी दिल्ली, तीन नवंबर (भाषा) ब्रॉडबैंड उपकरण बनाने वाले जीएक्स समूह ने कहा कि कंपनी ने अगले दो साल में अपने सभी उत्पादों में 60 प्रतिशत पुनर्चक्रित सामग्री का इस्तेमाल करने का लक्ष्य रखा है।
जीएक्स समूह के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) परितोष प्रजापति ने पीटीआई-भाषा को बताया कि भारत 2030 तक 11 करोड़ सक्रिय फाइबर लाइन के साथ वैश्विक स्तर पर दूसरा सबसे बड़ा फाइबर ब्रॉडबैंड बाजार बनने की ओर बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि ऐसे में दूरसंचार बुनियादी ढांचे के पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव को संभालना एक चुनौती है।
प्रजापति ने कहा, ‘‘भारत की जलवायु कार्रवाई का लक्ष्य 2070 तक शुद्ध-शून्य कार्बन उत्सर्जन को हासिल करना है। यूरोपीय संघ में कार्बन सीमा समायोजन तंत्र (सीबीएएम) आयात पर कड़े उत्सर्जन नियंत्रण लागू करता है। इसी तरह के नियम भारत में भी आ सकते हैं। ऐसे में हमने अगले दो साल में अपने उत्पादों में 60 प्रतिशत पुनर्चक्रित सामग्री के उपयोग का लक्ष्य तय किया है।’’
दूरसंचार क्षेत्र में उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के लिए पात्र कंपनी का दावा है कि वह अपनी नई पहल ‘इकोवर्स’ के तहत पहले इस्तेमाल की जा चुकी और बायोडिग्रेडेबल सामग्रियों से बने वाईफाई राउटर और जीपीओएन ओएनटी (उच्च क्षमता वाले ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क के लिए ब्रॉडबैंड मोडेम) पेश करने वाली भारत की पहली फर्म बन गई है।
जीएक्स ग्रुप की मानेसर में अपनी विनिर्माण इकाई है। कंपनी भारत से अपने निर्यात को बढ़ाने के लिए जल्द ही चेन्नई में दूसरा विनिर्माण संयंत्र खोलने की योजना बना रही है।
भाषा पाण्डेय अजय
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