नयी दिल्ली, 18 मार्च (भाषा) गुयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली ने शनिवार को कहा कि उनके देश ने मोटे अनाज के उत्पादन के लिए 200 एकड़ जमीन की पेशकश की है और बदले में भारत इसके उत्पादन को बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी सहायता प्रदान करेगा।
यहां आयोजित वैश्विक मोटा अनाज सम्मेलन (ग्लोबल मिलेट्स कॉन्फ्रेंस) के लिए अपने वीडियो संदेश में इरफान अली ने कहा कि दुनिया भर में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मोटे अनाज महत्वपूर्ण हैं।
दक्षिण अमेरिकी देश गुयाना ने राष्ट्रीय और क्षेत्रीय खाद्य सुरक्षा बढ़ाने के लिए मोटे अनाज का उत्पादन बढाने की योजना बनाई है। देश का लक्ष्य वर्ष 2025 तक अपने खाद्य आयात व्यय को कम करना है, और इस दिशा में मोटा अनाज आत्मनिर्भरता बढ़ाने का एक आदर्श समाधान है।
उन्होंने कहा, ‘‘गुयाना भारत के साथ अपने सहयोग को मजबूत करने के लिए तत्पर है। इसके तहत, गुयाना ने मोटे अनाज के विशेष उत्पादन के लिए 200 एकड़ भूमि की पेशकश की है और बदले में भारत इसके उत्पादन के लिए प्रौद्योगिकी और तकनीकी सहायता प्रदान करेगा।’’
इरफान अली ने कहा कि मोटा अनाज न केवल एक किफायती और पौष्टिक विकल्प है, बल्कि जलवायु परिवर्तन की अनिश्चितताओं का मुकाबला भी कर सकता है।
उन्होंने 17 कैरेबियाई देशों में मोटे अनाज के उत्पादन और प्रचार में हर संभव मदद का वादा किया।
एक अन्य वीडियो संबोधन में, इथियोपिया की राष्ट्रपति साहले-वर्क जेवडे ने कहा कि मोटे अनाज न केवल इथियोपिया जैसे उप-सहारा देश बल्कि पूरे अफ्रीकी महाद्वीप और दुनिया की खाद्य सुरक्षा चुनौतियों का समाधान करने की दिशा में एक लंबा रास्ता तय करेगा।
उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन के विचार वर्ष 2030 के सतत विकास लक्ष्यों को आकार देने में भी मदद करेंगे।
भाषा राजेश राजेश पाण्डेय
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