नयी दिल्ली, 13 जनवरी (भाषा) केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीडीटी) ने सोमवार को कहा कि जीएसटी अधिकारियों को अब अपराधियों को ‘गिरफ्तारी के आधार’ के बारे में बताने के साथ उनसे लिखित पावती भी लेनी होगी।
सीबीआईसी ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) अधिनियम के तहत दंडनीय अपराधों के संबंध में गिरफ्तारी और जमानत से संबंधित दिशानिर्देशों में ये संशोधन किए हैं।
सीबीआईसी ने कहा, ‘‘गिरफ्तार किए जा रहे व्यक्ति को गिरफ्तारी के आधार के बारे में समझाया जाना चाहिए और गिरफ्तारी ज्ञापन के संलग्नक के तौर पर उसे लिखित रूप में भी दिया जाना चाहिए। गिरफ्तारी ज्ञापन को लागू करते समय गिरफ्तार व्यक्ति से इसकी पावती ली जानी चाहिए।’’
अगस्त, 2022 में जारी हुए पिछले दिशानिर्देश के मुताबिक, जीएसटी अधिकारियों को गिरफ्तार होने वाले व्यक्ति को गिरफ्तारी के आधार के बारे में बताना होता था और गिरफ्तारी ज्ञापन में इसे दर्ज करना होता था।
नए निर्देश क्षितिज घिल्डियाल बनाम जीएसटी आसूचना महानिदेशालय (डीजीजीआई), दिल्ली के मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में जारी किए गए हैं।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने उच्चतम न्यायालय के निर्णयों के आधार पर ‘गिरफ्तारी के कारणों’ और ‘गिरफ्तारी के आधार’ के बीच अंतर किया था।
उच्चतम न्यायालय कह चुका है कि ‘गिरफ्तारी के कारण’ सामान्य प्रकृति के होते हैं, जबकि ‘गिरफ्तारी के आधार’ अभियुक्त के लिए व्यक्तिगत होते हैं।
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