जीएसटी परिषद में सर्वसम्मति से होते हैं फैसले, तमिलनाडु का आरोप गलतः सीतारमण

जीएसटी परिषद में सर्वसम्मति से होते हैं फैसले, तमिलनाडु का आरोप गलतः सीतारमण

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  • Publish Date - September 12, 2024 / 09:56 PM IST,
    Updated On - September 12, 2024 / 09:56 PM IST

(तस्वीर के साथ)

कोयंबटूर (तमिलनाडु), 12 सितंबर (भाषा) केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को कहा कि जीएसटी परिषद की बैठक में लिए गए निर्णय एकतरफा न होकर सभी राज्यों की सर्वसम्मति से लिए गए हैं।

सीतारमण ने तमिलनाडु की सत्तारूढ़ पार्टी द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) की तरफ से लगाए गए भेदभाव के आरोपों पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि राज्य को अधिक धन मिला है।

द्रमुक ने कहा था कि तमिलनाडु की तरफ से केंद्र को दिए गए एक रुपया के मुकाबले राज्य को सिर्फ 29 पैसे ही वापस मिले हैं।

सीतारमण ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘तमिलनाडु के मंत्री भी जीएसटी परिषद के सदस्य हैं। जीएसटी परिषद में लिए गए सभी निर्णय सर्वसम्मति से लिए गए हैं और असहमति को नजरअंदाज करके कोई निर्णय नहीं लिया गया है।’’

उन्होंने कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की सर्वोच्च इकाई जीएसटी परिषद की बैठक में कोई भी मंत्री अकेले कोई निर्णय नहीं ले सकता है। उन्होंने कहा कि उनके पास वित्त आयोग की तरफ से अनुशंसित दर को बढ़ाने या घटाने का अधिकार तक नहीं है।

केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘यदि राज्य अधिक धनराशि चाहते हैं, तो उन्हें वित्त आयोग के समक्ष अपना पक्ष रखना चाहिए या अदालत का दरवाजा खटखटाने के लिए स्वतंत्र होना चाहिए।… सवाल यह है कि क्या आवंटन राशि में वित्त आयोग द्वारा अनुशंसित राशि से एक रुपया भी कम था या वितरण में कोई देरी हुई थी?’’

उन्होंने कहा कि राशि का अग्रिम वितरण किया जा रहा था और यह कहना गलत है कि तमिलनाडु जीएसटी के माध्यम से केंद्र को अधिक राजस्व का योगदान दे रहा है।

उन्होंने तमिलनाडु सरकार के आरोपों के जवाब में कहा, ‘‘केंद्र को दिए गए राजस्व पर राज्यों को 50 प्रतिशत वापस मिलता है। इसके अलावा उन्हें केंद्र के हिस्से से 41 प्रतिशत मिलता है।’’

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय