जैसलमेर, 21 दिसंबर (भाषा) जीएसटी परिषद की शनिवार को हुई बैठक में स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर कर कम करने का फैसला टाल दिया गया। इस बीच 148 वस्तुओं पर कर की दर में फेरबदल की मंत्रिसमूह की बहुचर्चित सिफारिश परिषद के समक्ष नहीं रखी गई।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली और राज्य सरकारों के वित्त मंत्रियों वाली परिषद के कुछ सदस्यों ने महसूस किया कि बीमा कराधान के संबंध में अंतिम निर्णय पर पहुंचने से पहले और अधिक विचार-विमर्श की आवश्यकता है।
बीमा पर मंत्री समूह की समिति के प्रमुख बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि समूह, व्यक्तिगत, वरिष्ठ नागरिक पॉलिसियों के कराधान पर निर्णय लेने के लिए एक और बैठक की आवश्यकता है।
चौधरी ने यहां संवाददाताओं से कहा, “कुछ (परिषद) सदस्यों ने कहा कि इस पर और अधिक चर्चा की आवश्यकता है। हम (जीओएम) जनवरी में फिर मिलेंगे।”
इसके अलावा, दरों को तर्कसंगत बनाने पर मंत्री समूह की रिपोर्ट परिषद के समक्ष प्रस्तुत नहीं की गई। रिपोर्ट में 148 वस्तुओं में बदलाव की सिफारिश की गई थी।
समिति के संयोजक चौधरी ने कहा, “हम दरों को तर्कसंगत बनाने पर मंत्री समूह की रिपोर्ट परिषद की अगली बैठक में प्रस्तुत करेंगे।”
परिषद की चल रही बैठक में विमानन टर्बाइन ईंधन (एटीएफ) को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा।
केंद्र और राज्यों के जीएसटी विभागों के अधिकारियों वाली फिटमेंट समिति के कई प्रस्ताव परिषद के समक्ष समीक्षा के लिए आएंगे।
प्रस्तावों में से एक स्विगी और जोमैटो जैसे खाद्य वस्तुओं के वितरण मंचों पर करों को मौजूदा 18 प्रतिशत (आईटीसी के साथ) से घटाकर पांच प्रतिशत (इनपुट टैक्स क्रेडिट के बिना) करना शामिल है।
सूत्रों के अनुसार, इसमें इस्तेमाल की गई इलेक्ट्रिक गाड़ियों के साथ-साथ छोटे पेट्रोल और डीजल वाहनों की बिक्री पर कर की दर को मौजूदा 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया जा सकता है। इस बढ़ोतरी से इस्तेमाल की गई और पुरानी छोटी कारें और इलेक्ट्रिक वाहन पुराने बड़े वाहनों के बराबर हो जाएंगे।
इसके अलावा, जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर पर मंत्रियों के समूह (जीओएम) को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए जून, 2025 तक छह महीने का विस्तार मिलने की संभावना है। क्षतिपूर्ति उपकर व्यवस्था मार्च, 2026 में समाप्त हो जाएगी, और जीएसटी परिषद ने उपकर के भविष्य के पाठ्यक्रम को तय करने के लिए केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी के नेतृत्व में मंत्रियों की एक समिति गठित की है।
बीमा पर गठित मंत्री समूह ने सावधि जीवन बीमा पॉलिसी के लिए चुकाए जाने वाले प्रीमियम को जीएसटी से छूट देने की सिफारिश की है। साथ ही वरिष्ठ नागरिकों द्वारा स्वास्थ्य बीमा कवर के लिए चुकाए जाने वाले प्रीमियम को भी कर से छूट देने का प्रस्ताव किया गया है।
इसके अलावा, वरिष्ठ नागरिकों के अलावा अन्य व्यक्तियों द्वारा पांच लाख रुपये तक के स्वास्थ्य बीमा के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम पर जीएसटी से छूट देने का प्रस्ताव है।
हालांकि, पांच लाख रुपये से अधिक के स्वास्थ्य बीमा कवर वाली पॉलिसियों के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम पर 18 प्रतिशत जीएसटी लागू रहेगा।
जीएसटी दर युक्तिकरण पर जीओएम की रिपोर्ट परिषद के समक्ष पेश नहीं की गई और इसे अगली परिषद बैठक में लिया जाएगा। रिपोर्ट में 148 वस्तुओं में दरों में बदलाव का सुझाव दिया गया है।
मंत्री समूह ने इसी महीने करीब 148 वस्तुओं पर कर दरों में फेरबदल करने पर व्यापक सहमति बनाई थी, जिसमें ‘हानिकारक’ पेय पदार्थ और तंबाकू उत्पादों जैसी वस्तुओं पर वर्तमान 28 प्रतिशत की तुलना में 35 प्रतिशत अधिक कर लगाना शामिल है।
व्यापक रूप से उम्मीद की जा रही थी कि मंत्रिसमूह शनिवार को जीएसटी परिषद की बैठक में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा।
वर्तमान में, जीएसटी एक चार-स्तरीय कर संरचना है जिसमें पांच, 12, 18 और 28 प्रतिशत की स्लैब हैं। विलासिता और बुरी मानी जाने वाली वस्तुओं पर 28 प्रतिशत की उच्चतम दर से कर लगाया जाता है, जबकि डिब्बा बंद खाद्य पदार्थ और आवश्यक वस्तुओं पर सबसे कम पांच प्रतिशत की दर से कर लगाया जाता है।
जीओएम ने परिधान पर कर दरों को युक्तिसंगत बनाने का प्रस्ताव करने का भी फैसला किया था। निर्णय के अनुसार, 1,500 रुपये तक की लागत वाले तैयार कपड़ों पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगेगा, 1,500 रुपये से 10,000 रुपये के बीच के कपड़ों पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। 10,000 रुपये से अधिक की लागत वाले कपड़ों पर 28 प्रतिशत कर लगेगा।
वर्तमान में 1,000 रुपये तक के कपड़ों पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगता है, जबकि इससे अधिक कीमत वाले कपड़ों पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगता है।
जीओएम ने 15,000 रुपये प्रति जोड़ी से अधिक कीमत वाले जूतों पर जीएसटी 18 प्रतिशत से बढ़ाकर 28 प्रतिशत करने का भी प्रस्ताव रखा है। इसने 25,000 रुपये से अधिक कीमत वाली कलाई घड़ियों पर जीएसटी 18 प्रतिशत से बढ़ाकर 28 प्रतिशत करने का भी प्रस्ताव रखा है।
मंत्री समूह ने 20 लीटर और उससे ज़्यादा के डिब्बा बंद पेयजल पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने और 10,000 रुपये से कम कीमत वाली साइकिलों पर कर की दर को 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा था। साथ ही, कॉपी पर जीएसटी को 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा गया था।
भाषा अनुराग पाण्डेय
पाण्डेय