बैंकों का सकल एनपीए 12 साल के निचले स्तर 2.6 प्रतिशत पर: आरबीआई रिपोर्ट

बैंकों का सकल एनपीए 12 साल के निचले स्तर 2.6 प्रतिशत पर: आरबीआई रिपोर्ट

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  • Publish Date - December 30, 2024 / 06:38 PM IST,
    Updated On - December 30, 2024 / 06:38 PM IST

मुंबई, 30 दिसंबर (भाषा) बैंकों की संपत्ति की गुणवत्ता में सुधार जारी है और उनकी सकल गैर-निष्पादित आस्तियां (जीएनपीए) या खराब ऋण अनुपात सितंबर, 2024 में घटकर 12 साल के निचले स्तर 2.6 प्रतिशत पर आ गया। भारतीय रिजर्व बैंक ने सोमवार को यह जानकारी दी।

केंद्रीय बैंक ने कहा कि कर्ज चुकाने में चूक की कमी और स्थिर ऋण मांग के चलते ऐसा हुआ।

आरबीआई ने ऋण को बट्टे खाते में डालने में तेज वृद्धि पर भी चिंता जताई। खासकर निजी क्षेत्र के बैंकों (पीवीबी) के बीच ऐसा देखा जा रहा है। इससे बिना गारंटी वाले ऋण खंड में बिगड़ती संपत्ति गुणवत्ता को छुपाया जा सकता है।

आरबीआई की वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (एफएसआर) के दिसंबर, 2024 अंक के अनुसार, शुद्ध एनपीए अनुपात लगभग 0.6 प्रतिशत था।

रिपोर्ट भारतीय वित्तीय प्रणाली की जुझारू क्षमता और वित्तीय स्थिरता के जोखिमों पर वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (एफएसडीसी) की उप-समिति के सामूहिक मूल्यांकन को दर्शाती है।

रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘कर्ज चूक की कमी, बट्टे खाते में बढ़ोतरी और स्थिर ऋण मांग के चलते 37 अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) का सकल गैर-निष्पादित आस्तियां (जीएनपीए) अनुपात 2.6 प्रतिशत के निचले स्तर पर आ गया।”

रिपोर्ट के मुताबिक, असुरक्षित ऋण के चूक में खुदरा ऋण पोर्टफोलियो की अहम हिस्सेदारी रही।

एससीबी की परिसंपत्ति गुणवत्ता में सुधार का आधार व्यापक था और यह सभी क्षेत्रों तथा सभी बैंक समूहों में देखा गया।

भाषा पाण्डेय अजय

अजय