सरकार का प्रत्यक्ष कर संग्रह चालू वित्त वर्ष में लक्ष्य से ऊपर रहने की उम्मीद: सीबीडीटी चेयरमैन

सरकार का प्रत्यक्ष कर संग्रह चालू वित्त वर्ष में लक्ष्य से ऊपर रहने की उम्मीद: सीबीडीटी चेयरमैन

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  • Publish Date - November 18, 2024 / 03:08 PM IST,
    Updated On - November 18, 2024 / 03:08 PM IST

नयी दिल्ली, 18 नवंबर (भाषा) केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन रवि अग्रवाल ने सोमवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष में प्रत्यक्ष कर संग्रह 22.07 लाख करोड़ रुपये के लक्ष्य से अधिक रहेगा।

अग्रवाल ने यह भी कहा कि जिन करदाताओं ने अपने आयकर रिटर्न में विदेशी आय या संपत्ति का खुलासा नहीं किया है, उनके पास वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अपना संशोधित रिटर्न दाखिल करने को लेकर 31 दिसंबर तक का समय है। कर विभाग उन करदाताओं को एसएमएस और ई-मेल भेज रहा है, जिन्होंने उच्च मूल्य वाली संपत्तियों का खुलासा नहीं किया है।

हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि कितने करदाताओं को इस प्रकार के एसएमएस और ई-मेल भेजे गये हैं।

भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले (आईआईटीएफ) में करदाता ‘लाउंज’ का उद्घाटन करते हुए अग्रवाल ने यह भी कहा कि आयकर कानून की समीक्षा के लिए भाषा को सरल और समझने में आसान बनाने को लेकर 6,000 से अधिक सुझाव आये हैं।

अग्रवाल ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि हम कर संग्रह के बजट लक्ष्य को पार कर जाएंगे। कंपनी और गैर-कंपनी कर संग्रह बढ़ा है।’’

सीबीडीटी के कर संग्रह के ताजा आंकड़ों के अनुसार, एक अप्रैल से 10 नवंबर तक शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 15.41 प्रतिशत बढ़कर 12.11 लाख करोड़ रुपये रहा है।

इसमें 5.10 लाख करोड़ रुपये का शुद्ध कंपनी कर और 6.62 लाख रुपये गैर-कंपनी कर शामिल है। गैर-कंपनी कर में व्यक्तियों, हिंदू अविभाजित परिवारों आदि द्वारा भुगतान किया गया कर शामिल है।

इस अवधि के दौरान प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) मद में 35,923 करोड़ रुपये प्राप्त हुए।

सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए प्रत्यक्ष कर से 22.07 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है।

इसमें कंपनी कर से 10.20 लाख करोड़ रुपये और व्यक्तिगत आयकर तथा अन्य करों से 11.87 लाख करोड़ रुपये प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है।

उन्होंने कहा कि इस करदाता ‘लाउंज’ का मकसद करदाताओं को जागरूक करना है। यहां करदाता कर से जुड़े किसी भी तरह के अपने सवाल का जवाब प्राप्त कर सकते हैं।

भाषा रमण अजय

अजय