नयी दिल्ली, 10 सितंबर (भाषा) केंद्र सरकार इस्पात क्षेत्र को कार्बन मुक्त बनाने के लिए रणनीति, खाका और कार्ययोजना तैयार करने के लिए नीतिगत ढांचा विकसित करने पर काम कर रही है।
इस्पात सचिव संदीप पौंड्रिक ने यहां एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘ इस्पात मंत्रालय एक नीतिगत ढांचा विकसित करने पर काम कर रहा है…जिसमें कार्बन को कम करने से लेकर कार्बन उपयोग तक के समाधान शामिल होंगे।’’
इस दिशा में, मंत्रालय ने विशेषज्ञों व उद्योग हितधारकों की भागीदारी के साथ कार्बन मुक्त विभिन्न पहलुओं पर चर्चा, विचार-विमर्श और मंथन करने के लिए 14 उच्चस्तरीय कार्यबल गठित किए हैं।
इन कार्यबल में उद्योग, शिक्षा जगत, शोध संस्थान अन्वेषक, विभिन्न मंत्रालयों और सरकारी विभागों के सदस्य शामिल हैं।
कार्यबल के सुझावों को एक व्यापक दस्तावेज में संकलित किया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे इस्पात क्षेत्र को कार्बन मुक्त करने के हमारे प्रयासों में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में ‘‘भारत में इस्पात क्षेत्र को हरित बनाना-खाका व कार्ययोजना’ रिपोर्ट प्रस्तुत करने पर गर्व है।’’
हरित इस्पात से तात्पर्य हरित ऊर्जा स्रोतों का उपयोग करके इस्पात के उत्पादन और जीवाश्म ईंधन के उपयोग को न्यूनतम करने से है।
सचिव ने कहा कि रिपोर्ट में इस्पात उद्योग की वर्तमान स्थिति और इसे एक स्थायी मॉडल में बदलने के लिए आवश्यक कदमों का विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है। यह प्रौद्योगिकी नवाचार, नीतिगत सुधार और इस बदलाव का समर्थन करने के लिए आवश्यक वित्तीय तंत्र जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर बात करती है।
भाषा निहारिका अजय
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