पेट्रोल में एथनॉल मिश्रण लक्ष्य को बढ़ाकर 25 प्रतिशत करना चाहती है सरकार : खाद्य मंत्री

पेट्रोल में एथनॉल मिश्रण लक्ष्य को बढ़ाकर 25 प्रतिशत करना चाहती है सरकार : खाद्य मंत्री

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  • Publish Date - September 26, 2024 / 09:28 PM IST,
    Updated On - September 26, 2024 / 09:28 PM IST

नयी दिल्ली, 26 सितंबर (भाषा) केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रल्हाद जोशी ने बृहस्पतिवार को कहा कि खाद्य मंत्रालय ने सरकारी शोध संस्थान नीति आयोग से पेट्रोल के लिए एथनॉल मिश्रण लक्ष्य को मौजूदा 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत करने और एक व्यापक रूपरेखा (रोडमैप) विकसित करने का अनुरोध किया है।

दुनिया के तीसरे सबसे बड़े एथनॉल उत्पादक और उपभोक्ता, भारत ने शुरू में अपने एथनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम के तहत वर्ष 2030 तक पेट्रोल के साथ 20 प्रतिशत एथनॉल मिश्रण का लक्ष्य रखा था, जिसे बाद में संशोधित कर वर्ष 2025-26 कर दिया गया था।

जोशी ने यहां उद्योग निकाय इस्मा द्वारा आयोजित दूसरे भारत चीनी और जैव ऊर्जा सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हमने नीति आयोग को इसे और बढ़ाकर 25 प्रतिशत करने और एक रूपरेखा विकसित करने के लिए लिखा है।’’

मंत्री ने बताया कि एथनॉल मिश्रण आपूर्ति वर्ष 2013-14 के 1.53 प्रतिशत से बढ़कर 13.6 प्रतिशत हो गया है, जिसका श्रेय सरकार और उद्योग के संयुक्त प्रयासों को जाता है। इस वृद्धि को लगभग 250 डिस्टिलरी में एथनॉल उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर 1,623 करोड़ लीटर करने से समर्थन मिला है।

जोशी ने एथनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदमों पर प्रकाश डाला, जिसमें आपूर्ति वर्ष 2024-25 में एथनॉल उत्पादन के लिए गन्ने के रस व सिरप, बी-हेवी और सी-हेवी शीरे के उपयोग की अनुमति देना शामिल है।

सरकार ने भारतीय खाद्य निगम (एफसीआइ) द्वारा अनाज आधारित एथनॉल डिस्टिलरी को 23 लाख टन चावल की बिक्री की भी अनुमति दी है।

जोशी ने कहा कि 2-जी और 3-जी एथनॉल के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री जी-वन योजना में संशोधन किया गया है और उन्नत जैव ईंधन परियोजनाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए इसे वर्ष 2028-29 तक बढ़ा दिया गया है।

उन्होंने दुनिया के शीर्ष दो चीनी उत्पादक देशों, ब्राजील और भारत के बीच एथनॉल, बायोडीजल और बायोजेट ईंधन जैसे जैव ईंधन के उत्पादन में सहयोग का आह्वान किया।

जोशी ने कहा, ‘‘जैव ऊर्जा भविष्य है। सरकार और उद्योग को वर्ष 2047 तक विकसित भारत के लिए सतत विकास हासिल करने के लिए नवाचार, सहयोग और जिम्मेदारी के साथ मिलकर काम करना होगा।’’

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय