नयी दिल्ली, 18 सितंबर (भाषा) सरकार ने बुधवार को कहा कि वह जल्द ही 1,000 करोड़ रुपये का ऋण गारंटी कोष शुरू करेगी। इससे पंजीकृत गोदामों का उपयोग करने वाले किसानों और कारोबारियों को ई-एनडब्ल्यूआर के बदले वित्त मुहैया कराने को लेकर बैंकों का भरोसा बढ़ाने में मदद मिलेगी।
केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने यहां संवाददाताओं से कहा कि 1,000 करोड़ रुपये का यह कोष ऋणदाताओं के प्रत्याशित ऋण जोखिम का ध्यान रखेगा।
चोपड़ा ने नरेन्द्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा, ‘‘हाल ही में एक ऋण गारंटी योजना को मंजूरी दी गई है और इसे जल्द ही शुरू किया जाएगा।’’
उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक नेगोशिएबल वेयरहाउस रिसीट (ई-एनडब्ल्यूआर) के बदले वित्तपोषण का काम सरकारी प्रयासों के बावजूद संतोषजनक स्तर तक नहीं पहुंच पा रहा था। हाल ही में ‘किसान उपज निधि’ पोर्टल की शुरूआत के बावजूद ऐसा देखा जा रहा था।
‘किसान उपज निधि’ एक सरकारी पहल है जिसका उद्देश्य वित्तीय सहायता प्रदान करके किसानों का समर्थन करना और ऋण तक आसान पहुंच देना है।
खाद्य सचिव ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में कुल 13 लाख करोड़ रुपये के ऋण में फसल कटाई के बाद का वित्तपोषण केवल 3,962 करोड़ रुपये था।
उन्होंने कहा कि नए ऋण गारंटी कोष का उद्देश्य ऋण जोखिम का ध्यान रखना और ई-एनडब्ल्यूआर को गिरवी रखकर लिए जाने वाले कर्ज को मौजूदा स्तर से अगले 10 वर्षों में 1,05,000 करोड़ रुपये तक बढ़ाना है।
भाषा राजेश अजय प्रेम
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