नयी दिल्ली, सात अक्टूबर (भाषा) केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री चिराग पासवान ने सोमवार को कहा कि सरकार प्रसंस्करण स्तर को बढ़ावा देने और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के अपने प्रयासों के तहत 100 खाद्य परीक्षण प्रयोगशालाएं और 50 खाद्य विकिरण केंद्र बनाएगी।
मंत्री ने उद्योग से उत्पादों की गुणवत्ता से समझौता न करने को कहा क्योंकि इससे न केवल ब्रांड बल्कि देश की छवि भी प्रभावित होती है।
उन्होंने कहा कि मंत्रालय 100 खाद्य परीक्षण प्रयोगशालाएं स्थापित करेगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उत्पाद नियामकों द्वारा निर्धारित मानक मानदंडों को पूरा करते हों।
मंत्री ने उद्योग को आश्वासन दिया कि वह खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के विकास को प्रभावित करने वाले किसी भी मामले और चुनौतियों का समाधान करने का प्रयास करेंगे।
उद्योग मंडल फिक्की के सेमिनार को संबोधित करते हुए पासवान ने बर्बादी को कम करने और मूल्य संवर्धन को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया।
मंत्री ने उद्योग जगत के कारोबारियों से भारत को वैश्विक खाद्य केन्द्र (फूड बास्केट) बनाने का भी आह्वान किया।
पासवान ने कहा, ‘‘भारतीय खाद्य उत्पादों को वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय होना चाहिए। भारतीय खाद्य मानकों को वैश्विक मानकों के रूप में मान्यता दी जानी चाहिए।’’
पासवान ने कहा कि प्रसंस्करण स्तर को बढ़ावा देने के लिए 50 से अधिक खाद्य विकिरण इकाइयां स्थापित की जाएंगी।
कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने बहु-उत्पाद खाद्य विकिरण इकाइयां स्थापित करने के लिए संभावित उद्यमियों से पहले ही रुचि पत्र (ईओआई) आमंत्रित किए हैं।
ये इकाइयां मंत्रालय के समर्थन से प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (पीएमकेएसवाई) के एक घटक, एकीकृत शीत भंडारण श्रृंखला और मूल्य संवर्धन अवसंरचना (कोल्ड चेन योजना) के तहत स्थापित की जाएंगी।
मांग-संचालित कोल्ड चेन योजना के तहत पात्र परियोजनाओं को अनुदान-सब्सिडी के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
पासवान ने कहा कि खाद्य उद्योग, कुछ वस्तुओं पर जीएसटी में कमी की मांग कर रहा है और उन्होंने इस मुद्दे को सही मंच पर उठाया है।
भाषा राजेश राजेश अजय
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