नयी दिल्ली, 20 नवंबर (भाषा) सरकार यातायात ‘रडार’ उपकरणों के अनिवार्य सत्यापन तथा मुहर लगाने संबंधी नए नियमों को लागू करने की तैयारी में है। इसका उद्देश्य देश भर में सड़क सुरक्षा में सुधार करना है।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के विधिक माप विज्ञान प्रभाग ने भारतीय विधिक माप विज्ञान संस्थान, क्षेत्रीय संदर्भ प्रयोगशालाओं, निर्माताओं और वाहन प्रमाणन संगठनों सहित हितधारकों के साथ व्यापक परामर्श के बाद मसौदा नियमों को अंतिम रूप दिया है।
मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘ विभिन्न परामर्श के दौरान प्राप्त सुझावों पर गौर किया गया और नियमों को शीघ्र ही अधिसूचित किया जाएगा।’’
नए नियम विधिक माप विज्ञान (सामान्य) नियम, 2011 के अंतर्गत आते हैं। यह सड़कों पर वाहनों की गति मापने के लिए व्यापक रूप से उपयोग किए जाने वाले ‘माइक्रोवेव डॉपलर रडार’ उपकरण के लिए लागू होंगे।
नए ढांचे के तहत सभी गति माप उपकरणों को सत्यापन से गुजरना होगा और इन्हें लगाए जाने से पहले इन पर आधिकारिक मुहर लगी होनी चाहिए। इस प्रक्रिया का मकसद गति और दूरी माप के लिए सटीक ‘रीडिंग’ सुनिश्चित करना है, जो यातायात कानून प्रवर्तन के लिए महत्वपूर्ण है।
ये नियम ऐसे समय में लागू किए गए हैं जब सरकार सड़क सुरक्षा रिकॉर्ड में सुधार करना चाहती है। उल्लंघनों की पहचान करने और खतरनाक ‘ड्राइविंग’ को रोकने के लिए सटीक गति पहचान को महत्वपूर्ण माना जाता है।
भाषा निहारिका मनीषा
मनीषा