निर्माण कार्यों में खामी को ठीक करने की अवधि बढ़ाकर 10 साल करने का निर्णय: गडकरी

निर्माण कार्यों में खामी को ठीक करने की अवधि बढ़ाकर 10 साल करने का निर्णय: गडकरी

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  • Publish Date - October 23, 2024 / 06:40 PM IST,
    Updated On - October 23, 2024 / 06:40 PM IST

नयी दिल्ली, 23 अक्टूबर (भाषा) केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को कहा कि सरकार ने इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण (ईपीसी) आधार पर आवंटित परियोजनाओं के ठेकेदारों के लिए किसी प्रकार की कमी या खराबी को ठीक करने को लेकर जिम्मेदारी अवधि दोगुनी कर 10 साल करने का फैसला किया है।

वर्तमान में, ईपीसी परियोजनाओं के तहत, परियोजना में किसी प्रकार की कमी या खराबी को ठीक करने की जिम्मेदारी अवधि पांच साल है। यह अवधि समाप्त होने के बाद राष्ट्रीय राजमार्गों के रखरखाव का दायित्व सरकार का होता है।

गडकरी ने यहां एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘ईपीसी के तहत बनाई गई सड़कों की गुणवत्ता अच्छी नहीं है। ईपीसी के तहत चीजों को दुरुस्त करने की जिम्मेदारी की अवधि पांच साल है… और तीन साल के भीतर, सड़कों पर बहुत सारी समस्याएं सामने आती हैं।’’

मंत्री ने कहा कि बीओटी (बनाओ, चलाओ और सौंप दो) या एचएएम (हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल) के तहत बनाई गई सड़कें अच्छी स्थिति में हैं क्योंकि सड़कों के रखरखाव की जिम्मेदारी ठेकेदार की होती है और उसे कीमत चुकानी पड़ती है।

उन्होंने कहा, ‘‘इसीलिए अब हमने निर्णय किया है कि ईपीसी के तहत कोई भी सड़क बने, हम खराबी को ठीक करने की जिम्मेदारी की अवधि को पांच साल से बढ़ाकर 10 साल कर देंगे।’’

मंत्री ने कहा कि ठेकेदारों के लिए गड़बड़ियों को दुरुस्त करने की अवधि बढ़ाने से वे अच्छी गुणवत्ता वाली सड़कें बनाने के लिए बाध्य होंगे।

ईपीसी परियोजनाएं वे हैं जिसमें सरकार पैसा लगाती है, जबकि निजी भागीदार केवल निर्माण में सहायता प्रदान करते हैं।

सड़क निर्माण का हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल वह है जहां सरकार राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण के लिए आंशिक रूप से पैसा देती है। वहीं बीओटी के तहत वे परियोजनाएं आती हैं, जहां निर्माण जोखिम का जिम्मा 20-30 साल की छूट अवधि के साथ संबंधित कंपनी उठाती है।

गडकरी ने निर्यात बढ़ाने और आयात घटाने की जरूरत पर भी जोर दिया।

भाषा रमण अजय

अजय