नयी दिल्ली, 31 जनवरी (भाषा) सरकार मंगोलिया से भारत में कोकिंग कोल के आयात के लिए मार्ग की समीक्षा कर रही है। एक सरकारी अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
कोकिंग कोल, ब्लास्ट फर्नेस मार्ग के जरिये इस्पात निर्माण के लिए आवश्यक एक प्रमुख कच्चा माल है।
अधिकारी ने नाम खुलासा नहीं करने की शर्त पर कहा, ‘‘मंगोलिया से कोकिंग कोल के आयात के मार्ग की जांच की जा रही है।’’
भारत, चारों तरफ जमीन से घिरे देश, मंगोलिया से कोकिंग कोयला लेने के लिए चर्चा कर रहा है।
इस कदम का उद्देश्य कच्चे माल के स्रोतों में विविधता लाना है, और इससे न केवल इस प्रमुख इस्पात बनाने वाली सामग्री (कोकिंग कोल) की उपलब्धता बढ़ेगी, बल्कि इस्पात उत्पादन की लागत को कम करने भी मदद मिलेगी।
भारत अपनी कोकिंग कोयले की जरूरत के 80-90 प्रतिशत हिस्से के लिए चुनिंदा देशों – जिनमें से अधिकांश दूर स्थित ऑस्ट्रेलिया हैं – पर निर्भर है।
चूंकि वे दूर जगह में स्थित हैं, इसलिए मालवाहक जहाजों को कच्चे माल को भारत तक पहुंचाने में महीनों लग जाते हैं। इसके कारण इस्पात निर्माताओं की कुल उत्पादन लागत बढ़ जाती है।
भाषा राजेश राजेश अजय
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