औद्योगिक क्षेत्रों के लिए अगले वित्त वर्ष में 10,000 एकड़ जमीन का अधिग्रहण करेंगे : सम्राट चौधरी

औद्योगिक क्षेत्रों के लिए अगले वित्त वर्ष में 10,000 एकड़ जमीन का अधिग्रहण करेंगे : सम्राट चौधरी

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  • Publish Date - December 19, 2024 / 03:54 PM IST,
    Updated On - December 19, 2024 / 03:54 PM IST

(तस्वीर के साथ)

पटना, 19 दिसंबर (भाषा) बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने बृहस्पतिवार को कहा कि राज्य में निवेश को बढ़ावा देने और औद्योगिक गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार कई कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि इन उपायों के तहत आगामी वित्त वर्ष में राज्य के विभिन्न हिस्सों में औद्योगिक क्षेत्रों के विकास के लिए 10,000 एकड़ भूमि का अधिग्रहण शामिल है।

पटना में मंगलवार को शुरू हुए दो दिन के वैश्विक निवेशक सम्मेलन बिहार बिजनेस कनेक्ट-2024 के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए हुए चौधरी ने कहा, ‘‘राज्य में राजग सरकार निवेश को बढ़ावा देने और बिहार में अधिक औद्योगिक गतिविधियों को आकर्षित करने के लिए कई कदम उठा रही है। चालू वित्त वर्ष में, संबंधित विभागों ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में औद्योगिक क्षेत्रों के विकास के लिए पहले ही 8,000 एकड़ भूमि का अधिग्रहण कर लिया है….सरकार अब इस उद्देश्य के लिए आगामी वित्त वर्ष में अतिरिक्त 10,000 एकड़ भूमि का अधिग्रहण करने की तैयारी कर रही है।’’

वित्त विभाग का भी प्रभार संभाल रहे चौधरी ने कहा, ‘‘उद्योग विभाग राज्य सरकार के कई अन्य संबंधित विभागों के साथ मिलकर उचित नीतिगत हस्तक्षेप के माध्यम से बिहार के समग्र औद्योगिक विकास के लिए एक बेहतर परिवेश बना रहा है। राज्य सरकार की मौजूदा योजनाओं के अलावा, केंद्र सरकार बिहार के 10 छोटे और असंबद्ध क्षेत्रों में हवाई सेवाओं को बढ़ाने के लिए कार्यक्रम भी लागू कर रही है। इसके अलावा, राज्य में चार एक्सप्रेसवे भी आ रहे हैं, जो औद्योगिक विकास के मामले में पासा पलटने वाले साबित होंगे।”

उन्होंने कहा कि देश के साथ-साथ बिहार भी सुनहरे दौर से गुजर रहा है।

सम्मेलन को संबोधित करते हुए राज्य के दूसरे उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा, ‘‘बिहार के बिना भारत का विकास अधूरा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार समग्र विकास देख रहा है, खासकर औद्योगिक विकास के मामले में।’’

सिन्हा ने कहा कि राज्य सरकार ने हाल ही में बिहार फिल्म प्रोत्साहन नीति को मंजूरी दी है, जो फिल्मों के माध्यम से निवेश, रोजगार और पर्यटन को बढ़ावा देगी और राज्य के बारे में धारणा बदलने में मदद करेगी। हमारे पास बिहार की विरासत को विश्व पटल पर लाने की प्रतिभा है। बिहार में फिल्म निर्माण की अपार संभावनाएं हैं। कला और संस्कृति के क्षेत्र में बिहार का गौरवशाली अतीत और प्राकृतिक सिनेमाई खजाने फिल्म निर्माताओं को आकर्षित करने के लिए पर्याप्त हैं।

कला, संस्कृति और युवा विभाग का का भी प्रभार संभाल रहे सिन्हा ने यह भी कहा कि राज्य सरकार राज्य में एक फिल्म सिटी और फिल्म प्रशिक्षण संस्थान खोलने की भी तैयारी कर रही है। इससे बिहार फिल्म निर्माण का केंद्र बन जाएगा।

बिहार के श्रम मंत्री संतोष कुमार सिंह ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘बिहार कुशल और अकुशल श्रमिकों का केंद्र है। बिहार को भारत की श्रमबल की राजधानी माना जाता है क्योंकि 60 प्रतिशत आबादी श्रमिक वर्ग की है। राज्य सरकार ने कुशल और अकुशल श्रमिकों के कल्याण के लिए कई उपाय किए हैं। औद्योगिक विकास के लिए कुशल और अकुशल श्रमिकों की उपलब्धता जरूरी है, जो यहां प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है।

इससे पहले, उद्योग विभाग (बिहार) की सचिव बंदना प्रेयसी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार उद्योगों की स्थापना के लिए और अधिक भूमि अधिग्रहण करेगी और राज्य में निवेश आकर्षित करने के लिए जल्द ही पांच नए क्षेत्र-विशिष्ट नीति प्रोत्साहन पेश करेगी।

भाषा रमण अनवर अजय

प्रेम अजय

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