नयी दिल्ली, 21 जनवरी (भाषा) सरकार ने ई-कॉमर्स मंचों के लिए मसौदा दिशानिर्देश जारी किए हैं। इसमें उपभोक्ताओं को धोखाधड़ी से बचाने के लिए स्व-नियामक उपायों को अनिवार्य किया गया है।
खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की देखरेख में भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने ये मसौदा दिशानिर्देश तैयार किए हैं।
इसका शीर्षक ‘ई-कॉमर्स-सिद्धांत और स्व-शासन के लिए दिशानिर्देश’ है। इस पर 15 फरवरी तक विभिन्न पक्षों से सुझाव मांगे गए हैं।
मसौदे में कहा गया है, ”ई-कॉमर्स के उदय ने नई चुनौतियां पेश की हैं, खासकर उपभोक्ता संरक्षण और विश्वास के मामले में। इस संदर्भ में ई-कॉमर्स में स्व-शासन के लिए स्पष्ट और प्रभावी नियमों और मानदंडों पर जोर देने की जरूरत है।”
यह ढांचा ई-कॉमर्स संचालन के लिए लेनदेन से पहले, अनुबंध और लेनदेन के बाद के चरणों को शामिल करते हुए तीन स्तरीय सिद्धांत पेश करता है।
लेनदेन से पहले के चरण के तहत मंच को व्यावसायिक भागीदारों, विशेष रूप से तृतीय-पक्ष विक्रेताओं का गहन केवाईसी (अपने ग्राहक को जानो) करना चाहिए।
अनुबंध करने के दौरान मंच को उपभोक्ता की सहमति दर्ज करनी चाहिए, लेनदेन की समीक्षा का प्रावधान करना चाहिए। साथ ही सौदा रद्द करने, सामान की वापसी और धनवापसी के लिए पारदर्शी नीतियां बनानी चाहिए।
लेनदेन के बाद के दिशानिर्देशों में नकली उत्पादों के लिए अतिरिक्त प्रावधानों के साथ ही धन वापसी, सामान वापसी या बदलने के लिए स्पष्ट समयसीमा तय करने की बात कही गई है।
भाषा पाण्डेय रमण
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