नयी दिल्ली, 19 जुलाई (भाषा) सरकार ने अनाज और तिलहन में नमी के स्तर को मापने के लिए कानूनी माप विज्ञान नियमों में नमी मीटर शामिल करने का प्रस्ताव रखा है। कृषि व्यापार गतिविधियों में पारदर्शिता लाने के प्रयासों के तहत यह प्रस्ताव किया गया है।
एक सरकारी बयान में कहा गया है कि उपभोक्ता मामलों के विभाग ने अनाज और तिलहन में नमी के स्तर को मापने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले नमी मीटर के लिए मसौदा नियमों पर चर्चा करने को लेकर सभी संबंधित पक्षों के साथ एक बैठक बुलायी थी।
उपभोक्ता मामलों के विभाग की सचिव निधि खरे ने बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में विभिन्न विनिर्माताओं, उपयोगकर्ताओं, वैज्ञानिक संस्थानों, प्रयोगशालाओं, राज्य सरकार के कानूनी माप विज्ञान विभागों और स्वैच्छिक उपभोक्ता संगठनों ने भाग लिया।
नमी मीटर से संबंधित मसौदा नियम 30 मई, 2024 को सार्वजनिक प्रतिक्रिया के लिए उपलब्ध कराए गए थे, जिसमें सभी संबंधित पक्षों से जून 2024 के अंत तक टिप्पणियां आमंत्रित की गई थीं।
मसौदा नियमों पर प्राप्त सभी टिप्पणियों पर बैठक के दौरान विस्तार से चर्चा की गई।
बयान में कहा गया है, ‘‘नमी मीटर एक विशेष उपकरण है जिसका उपयोग विभिन्न पदार्थों, विशेष रूप से कृषि में अनाज और तिलहन में नमी की मात्रा को मापने के लिए किया जाता है। यह सटीक रीडिंग प्रदान करता है। यह इन वस्तुओं की गुणवत्ता और भंडारण उपयुक्तता निर्धारित करने के लिए महत्वपूर्ण है।’’
नमी के स्तर को मापकर, किसान और व्यापारी बेहतर संरक्षण सुनिश्चित कर सकते हैं, खराब होने के जोखिम को कम कर सकते हैं और भंडारण और परिवहन के लिए अनुकूलतम स्थिति बनाए रख सकते हैं।
भाषा राजेश राजेश रमण
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