आईओसी, बीपीसीएल, एचपीसीएल को 35,000 करोड़ रुपये की एलपीजी सब्सिडी दे सकती है सरकार

आईओसी, बीपीसीएल, एचपीसीएल को 35,000 करोड़ रुपये की एलपीजी सब्सिडी दे सकती है सरकार

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  • Publish Date - January 9, 2025 / 04:04 PM IST,
    Updated On - January 9, 2025 / 04:04 PM IST

(अम्मार जैदी)

नयी दिल्ली, नौ जनवरी (भाषा) सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लि. (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (एचपीसीएल) को 35,000 करोड़ रुपये की रसोई गैस यानी एलपीजी सब्सिडी दे सकती है। यह सब्सिडी इस वित्त वर्ष में ईंधन बेचने पर हुए नुकसान की भरपाई के लिए दिये जाने की संभावना है। सूत्रों ने यह जानकारी दी।

तीन ईंधन खुदरा विक्रेताओं ने कच्चे माल की लागत में वृद्धि के बावजूद मार्च, 2024 से घरेलू एलपीजी की कीमत 803 रुपये प्रति 14.2 किलोग्राम सिलेंडर पर अपरिवर्तित रखी है। इससे एलपीजी की बिक्री पर उन्हें नुकसान हुआ है और अप्रैल-सितंबर (चालू 2024-25 वित्त वर्ष की पहली छमाही) में उनकी कमाई में कमी आई है।

मामले की जानकारी रखने वाले दो सूत्रों ने बताया कि चालू वित्त वर्ष में उद्योग के लिए एलपीजी बिक्री पर कुल ‘अंडर-रिकवरी’ यानी नुकसान लगभग 40,500 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। इसके एवज में सरकार दो वित्त वर्षों के लिए कुल मिलाकर 35,000 करोड़ रुपये उपलब्ध करा सकती है।

उन्होंने कहा कि आईओसी, बीपीसीएल और एचपीसीएल को चालू वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान 10,000 करोड़ रुपये और शेष 25,000 करोड़ रुपये अगले वित्त वर्ष में मिलने की संभावना है। सब्सिडी का प्रावधान 2025-26 के केंद्रीय बजट में किए जाने की संभावना है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को बजट पेश करेंगी।

सूत्रों ने कहा कि कंपनियों को प्रति 14.2 किलोग्राम सिलेंडर पर लगभग 240 रुपये का नुकसान है। सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियां परिवारों को इसे 803 रुपये की कीमत पर बेचती हैं।

परिवारों को उच्च बाजार दर से राहत देने के लिए सरकार घरेलू एलपीजी के दाम नियंत्रित करती है। विनियमित कीमतें सऊदी सीपी (घरेलू एलपीजी की कीमत के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला अंतरराष्ट्रीय मानक) से कम है। इसका कारण घरेलू एलपीजी उत्पादन स्थानीय मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है और ईंधन का आयात करना पड़ता है।

इससे ईंधन खुदरा विक्रेताओं को लागत के मुकाबले वसूली कम होती है और परिणामस्वरूप उन्हें नुकसान होता है।

सरकार समय-समय पर आईओसी, बीपीसीएल और एचपीसीएल को इन नुकसानों की भरपाई करती रहती है। तीनों कंपनियों को क्षतिपूर्ति के लिए वित्त वर्ष 2021-22 और 2022-23 के लिए 22,000 करोड़ रुपये दिये गये थे। हालांकि, यह 28,249 करोड़ रुपये के नुकसान के मुकाबले कम था।

सूत्रों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष में 40,500 करोड़ रुपये के कुल नुकसान में से आईओसी को 19,550 करोड़ रुपये, एचपीसीएल को 10,570 करोड़ रुपये और बीपीसीएल को 10,400 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है।

घरेलू एलपीजी की कीमतें नौ मार्च, 2024 से अपरिवर्तित बनी हुई हैं। आम चुनावों की घोषणा से ठीक पहले 14.2 किलोग्राम के सिलेंडर का दाम 100 रुपये घटाया गया था।

सूत्रों ने कहा कि 2024 में गर्मियों के दौरान भी अंतरराष्ट्रीय एलपीजी की कीमतें मामूली ऊंची बनी हुई थीं। इससे कंपनियों को नुकसान हो रहा है। सर्दियों के महीनों के दौरान कीमतें ऊंची रहने की संभावना है।

भाषा रमण अजय

अजय