सरकार ने वियतनाम से आयातित रसायन पर शुल्क लगाने को लेकर जांच शुरू की

सरकार ने वियतनाम से आयातित रसायन पर शुल्क लगाने को लेकर जांच शुरू की

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  • Publish Date - December 30, 2024 / 03:16 PM IST,
    Updated On - December 30, 2024 / 03:16 PM IST

नयी दिल्ली, 30 दिसंबर (भाषा) भारत ने वियतनाम से प्लास्टिक उद्योग में इस्तेमाल होने वाले रसायन… कैल्शियम कार्बोनेट फिलर मास्टरबैच… के बढ़े हुए आयात पर प्रतिपूरक यानी आयात शुल्क लगाने को लेकर जांच शुरू की है। घरेलू कंपनियों की शिकायत के बाद यह कदम उठाया गया है।

इस कदम का उद्देश्य घरेलू विनिर्माताओं को वियतनाम से सब्सिडी वाले आयात में हो रही वृद्धि से बचाना है।

जांच वाणिज्य मंत्रालय की इकाई व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) ने शुरू की है।

कंपाउंड्स एंड मास्टरबैच मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया और मास्टरबैच मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ने वियतनाम से भारत में निर्यात किए गए रसायन की जांच शुरू करने के लिए महानिदेशालय के समक्ष याचिका दायर की थी।

डीजीटीआर की अधिसूचना के अनुसार, आवेदकों ने आरोप लगाया है कि सस्ती दर पर उल्लेखनीय मात्रा में उत्पाद वियतनाम से भारत में आयात किया जा रहा है। इससे घरेलू कंपनियों के हितों को नुकसान पहुंच रहा है।

आवेदकों ने इन आयात पर प्रतिपूरक शुल्क लगाने का आग्रह किया है।

प्रतिपूरक शुल्क एक देश-विशेष के उत्पादों पर लगाया जाने वाला शुल्क है। यह निर्यातक देशों में स्थानीय सरकारों की अनुचित व्यापार सब्सिडी के खिलाफ घरेलू उद्योग के हितों की रक्षा के लिए लगाया जाता है।

अधिसूचना के अनुसार, ‘‘सस्ती दर पर आयात को लेकर घरेलू उद्योग के आवेदन और उपलब्ध कराये गये साक्ष्य के आधार पर मामले की जांच शुरू की जा रही है।’’

डीजीटीआर जांच में उत्पाद के संबंध में कथित सब्सिडी की मात्रा और प्रभाव का निर्धारण करेगा और शुल्क की मात्रा की सिफारिश करेगा।

आवेदकों के अनुसार, उत्पादकों/निर्यातकों को वियतनाम सरकार की विभिन्न स्तर पर प्रदान की जाने वाली सब्सिडी से लाभ हुआ है।

भारत ने घरेलू कंपनियों के हितों की रक्षा के लिए चीन जैसे देशों से विभिन्न प्रकार के स्टील पर पहले से ही प्रतिपूरक शुल्क के साथ-साथ डंपिंग रोधी शुल्क भी लगाया है।

वियतनाम आसियान देशों में भारत का एक प्रमुख व्यापार भागीदार है। 2023-24 में भारत का वियतनाम को निर्यात 5.47 अरब डॉलर, जबकि आयात 9.34 अरब डॉलर रहा था।

भाषा रमण अजय

अजय