सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 150 रुपये बढ़ाकर 2,425 रुपये प्रति क्विंटल किया

सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 150 रुपये बढ़ाकर 2,425 रुपये प्रति क्विंटल किया

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  • Publish Date - October 16, 2024 / 04:39 PM IST,
    Updated On - October 16, 2024 / 04:39 PM IST

नयी दिल्ली, 16 अक्टूबर (भाषा) केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 6.59 प्रतिशत बढ़ाकर 2,425 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया। यह वृद्धि रबी विपणन सत्र 2025-26 के लिए की गयी है।

महाराष्ट्र, झारखंड और दिल्ली जैसे राज्यों में चुनाव से पहले गेहूं के समर्थन मूल्य में 150 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी महत्वपूर्ण है। रबी विपणन सत्र अप्रैल, 2025 से शुरू होगा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक में 2025-26 विपणन सत्र के लिए छह रबी फसलों के एमएसपी में 130-300 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि को मंजूरी दी।

सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘मंत्रिमंडल का यह फैसला किसानों के कल्याण से संबंधित है। खरीफ की तरह, रबी फसलों के लिए भी एमएसपी में उल्लेखनीय वृद्धि की गयी है।’’

उन्होंने कहा कि 2025-26 के लिए गेहूं का समर्थन मूल्य पिछले वर्ष के 2,275 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 2,425 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है।

इसके अलावा तिलहन के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने के लिए विपणन सत्र 2025-26 के लिए रैपसीड/सरसों के बीज का समर्थन मूल्य 300 रुपये बढ़ाकर 5,950 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है।

मंत्रिमंडल ने कुसुम का समर्थन मूल्य 140 रुपये बढ़ाकर 5,940 रुपये प्रति क्विंटल किया है। पिछले वर्ष यह 5,800 रुपये प्रति क्विंटल था।

दालों के मामले में, मसूर का समर्थन मूल्य विपणन सत्र 2025-26 के लिए 275 रुपये बढ़ाकर 6,700 रुपये प्रति क्विंटल, जबकि चने का एमएसपी 210 रुपये बढ़ाकर 5,650 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है।

जौ का समर्थन मूल्य 130 रुपये बढ़ाकर 1,980 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है जो पिछले वर्ष 1,850 रुपये प्रति क्विंटल था।

रबी फसलों के एमएसपी में वृद्धि 2018-19 के केंद्रीय बजट की घोषणा के अनुरूप है। उसमें एमएसपी को अखिल भारतीय भारांश औसत उत्पादन लागत के कम-से-कम 1.5 गुना के स्तर पर तय करने की घोषणा की गई थी।

अखिल भारतीय भारांश औसत उत्पादन लागत पर गेहूं के लिए अपेक्षित मार्जिन 105 प्रतिशत है। रैपसीड और सरसों के लिए 98 प्रतिशत, दाल के लिए 89 प्रतिशत, चने के लिए 60 प्रतिशत, जौ के लिए 60 प्रतिशत और कुसुम के लिए 50 प्रतिशत है।

वैष्णव ने कहा कि रबी फसलों के एमएसपी में यह बढ़ोतरी किसानों के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करेगी और फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित करेगी।

भाषा रमण अजय

अजय