सरकार ने शहद पर न्यूनतम निर्यात मूल्य अगले साल दिसंबर तक बढ़ाया

सरकार ने शहद पर न्यूनतम निर्यात मूल्य अगले साल दिसंबर तक बढ़ाया

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  • Publish Date - December 30, 2024 / 07:40 PM IST,
    Updated On - December 30, 2024 / 07:40 PM IST

नयी दिल्ली, 30 दिसंबर (भाषा) सरकार ने सोमवार को प्राकृतिक शहद पर 2,000 डॉलर प्रति टन के न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) को अगले साल दिसंबर तक, एक और साल के लिए बढ़ा दिया।

इस एमईपी मूल्य से कम दाम पर निर्यात की अनुमति नहीं है।

विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने अधिसूचना में कहा, ‘‘प्राकृतिक शहद पर न्यूनतम निर्यात मूल्य को 31 दिसंबर, 2024 से आगे 31 दिसंबर, 2025 तक के लिए बढ़ा दिया गया है।’’

न्यूनतम मूल्य इस साल मार्च में तय किया गया था।

उल्लेखनीय है कि 18 दिसंबर को अतिरिक्त वाणिज्य सचिव के साथ ‘कनफेडरेशन ऑफ एपीकल्चर इंडस्ट्री’ (सीएआई) के राष्ट्रीय अध्यक्ष, देवव्रत शर्मा की बैठक में शर्मा ने मार्च, 2024 से लागू बढ़े हुए न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) से मधुमक्खीपालक किसानों को हुए लाभ को देखते हुए इससे आगे भी जारी रखने की मांग की थी।

देवव्रत शर्मा ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘सरकार की ओर से एमईपी को 31 दिसंबर, 2024 से आगे 31 दिसंबर, 2025 तक के लिए बढ़ाना, देश के मधुमक्खीपालन में लगे किसानों के लिए अच्छी खबर है। उम्मीद है कि इस घोषणा से मधुमक्खीपालकों का उत्साह और बढ़ेगा और देश के शहद के साथ साथ मधुमक्खीपालन से जुड़े अन्य बेशकीमती उत्पादों के लिए अमेरिका, यूरोप के निर्यात गंतव्यों में बाजार और विस्तारित होगा।’’

इस वित्त वर्ष में अप्रैल-अक्टूबर के दौरान प्राकृतिक शहद का निर्यात 10.63 करोड़ डॉलर का हुआ। यही निर्यात 2023-24 में 17.76 करोड़ डॉलर और 2022-23 में 20.3 करोड़ डॉलर का हुआ था।

भारत के प्राकृतिक शहद के निर्यात गंतव्यों में अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) शामिल हैं।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय