ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन की गुणवत्ता सुधारने पर सरकार का जोरः आर्थिक समीक्षा

ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन की गुणवत्ता सुधारने पर सरकार का जोरः आर्थिक समीक्षा

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  • Publish Date - January 31, 2025 / 05:27 PM IST,
    Updated On - January 31, 2025 / 05:27 PM IST

नयी दिल्ली, 31 जनवरी (भाषा) शुक्रवार को संसद में पेश की गई आर्थिक समीक्षा 2024-25 कहती है कि अधिक न्यायसंगत और समावेशी विकास सुनिश्चित करने के लिए सरकार का जोर ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने पर रहा है।

आर्थिक समीक्षा कहती है कि बुनियादी ढांचे पर ध्यान केंद्रित करके विभिन्न उपाय किए गए हैं जिनमें ग्रामीण आवास, पेयजल एवं स्वच्छता, स्वच्छ ईंधन, सामाजिक सुरक्षा और ग्रामीण संपर्क सुविधा के साथ ग्रामीण आजीविका को बढ़ाने के तरीके शामिल हैं।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रामीण परिवारों और छोटे व्यवसायों की वित्तपोषण जरूरतों को सूक्ष्म-वित्त संस्थानों, स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) और अन्य वित्तीय मध्यस्थों के जरिये पूरा किया जा रहा है।

आर्थिक समीक्षा कहती है कि डिजिटलीकरण और प्रौद्योगिकी को ग्रामीण अर्थव्यवस्था तक ले जाना ग्रामीण विकास के एजेंडा का एक प्रमुख पहलू रहा है। इसमें ग्रामीण आबादी के स्वास्थ्य मापदंडों पर भी प्राथमिक ध्यान दिया गया है।

इसके मुताबिक, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत इस साल नौ जनवरी तक 8,34,695 किलोमीटर लंबी सड़कों को मंजूरी दी गई और 7,70,983 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण पूरा हो चुका था। अब तक 99.6 प्रतिशत लक्षित बस्तियों को संपर्क सुविधा से जोड़ा जा चुका है।

आर्थिक समीक्षा कहती है कि प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के तहत 2016 से 2.69 करोड़ घर बन चुके हैं और जल जीवन मिशन के तहत लगभग 12.2 करोड़ घरों को नल-जल कनेक्शन दिए जा चुके हैं।

स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत 27 जनवरी तक 11.8 करोड़ शौचालय और 2.51 लाख सामुदायिक स्वच्छता परिसरों का निर्माण किया गया है।

इसके अलावा प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा-अभियान (पीएम-जनमन) के तहत विशेष रूप से कमजोर आदिवासी समूहों (पीवीटीजी) की बस्तियों के लिए एक अलग खंड शुरू किया गया है।

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय