नयी दिल्ली, 25 जुलाई (भाषा) सरकार ने बृहस्पतिवार को कारोबार सुगमता प्रयासों के तहत पूंजीगत सामान के लिए निर्यात संवर्धन (ईपीसीजी) योजना के लाइसेंसधारकों के लिए कुछ मानदंडों में ढील दी।
ईपीसीजी योजना गुणवत्तापूर्ण वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन के लिए पूंजीगत वस्तुओं के आयात की सुविधा प्रदान करती है और भारत की विनिर्माण प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाती है। यह शून्य सीमा शुल्क पर उत्पादन-पूर्व, उत्पादन और उत्पादन-बाद के लिए पूंजीगत वस्तुओं के आयात की अनुमति देती है।
शुल्क लाभ निर्यात दायित्वों को पूरा करने के अधीन है।
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने सार्वजनिक सूचना में कहा, “कारोबारी सुगमता बढ़ाने और अनुपालन बोझ को कम करने के उद्देश्य से ईपीसीजी वस्तु योजना से संबंधित अध्याय-5 के कुछ प्रावधानों को विदेशी व्यापार नीति के तहत जारी ईपीसीजी मंजूरी के लिए संशोधित किया गया है।”
संशोधनों के अनुसार, लाइसेंसधारक अब आयात पूरा होने की तारीख से तीन वर्ष के भीतर (पहले यह छह महीने था) मशीनों की स्थापना की पुष्टि करने वाला सीमा शुल्क विभाग का प्रमाणपत्र प्रस्तुत कर सकते हैं।
भाषा अनुराग अजय
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