गैर-शुल्क बाधाओं के बारे में जानकारी जुटाने के लिए पोर्टल बना रही सरकार

गैर-शुल्क बाधाओं के बारे में जानकारी जुटाने के लिए पोर्टल बना रही सरकार

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  • Publish Date - July 2, 2024 / 04:44 PM IST,
    Updated On - July 2, 2024 / 04:44 PM IST

नयी दिल्ली, दो जुलाई (भाषा) वाणिज्य मंत्रालय निर्यातकों के सामने आने वाली गैर-शुल्क बाधाओं (एनटीबी) को दर्ज करने और उनके समाधान के लिए संबंधित देशों के साथ बातचीत करने के लिए एक मंच तैयार कर रहा है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह बात कही।

फिलहाल खास तौर पर छोटी वस्तुओं के लिए इन व्यापार बाधाओं से संबंधित सूचना मौजूद नहीं है।

वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘हम एक पोर्टल बना रहे हैं ताकि सभी गैर-शुल्क बाधाओं को प्राथमिकता दे सकें। इस पोर्टल पर कारोबारी अपनी शिकायतें दर्ज करा सकेंगे और मंत्रालय उस पर आगे की कार्रवाई करेगा।’’

जिन मामलों में गैर-शुल्क बाधा बड़ी मात्रा में उत्पादों के व्यापार पर असर डाल रही है, उनके निवारण और कार्रवाई के लिए उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी।

आर्थिक शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने एक रिपोर्ट में कहा है कि अमेरिका, चीन एवं जापान जैसे देशों में घरेलू निर्यातकों को गैर-शुल्क बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है। भारत को ये बाधाएं दूर करने के लिए काम करना होगा ताकि वर्ष 2030 तक एक लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर का उत्पाद निर्यात लक्ष्य हासिल किया जा सके।

जीटीआरआई के सह-संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘भारत को इन बाधाओं के समुचित समाधान के लिए साझेदार देशों से बात करनी चाहिए।’’

अधिकांश गैर-शुल्क उपाय मानव, पशु या पौधों के स्वास्थ्य और पर्यावरण की रक्षा के मकसद से देशों द्वारा बनाए गए घरेलू नियम होते हैं। लेकिन जब ये उपाय मनमाने और वैज्ञानिक औचित्य से परे हो जाते हैं तो वे व्यापार के लिए बाधाएं पैदा करते हैं और वे गैर-शुल्क बाधाओं की श्रेणी में आ जाते हैं।

भारत के बासमती चावल, मिर्च, चाय और कई अन्य कृषि उत्पादों के निर्यात को कीटनाशकों और कवकनाशी उत्पादों के अधिक इस्तेमाल की वजह से कई विदेशी बाजारों में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।

भारत का वस्तु निर्यात क्षमता से बहुत कम है क्योंकि उसे यूरोपीय संघ, अमेरिका, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया और कई अन्य देशों में गैर-शुल्क बाधाओं का सामना करना पड़ता है।

नियमित रूप से उच्च बाधाओं का सामना करने वाले भारतीय उत्पादों में मिर्च, चाय, बासमती चावल, दूध, मुर्गी, गोवंशीय मांस, मछली, रासायनिक उत्पाद, तिल के बीज, ब्लैक टाइगर झींगा, दवाएं, परिधान, चिकित्सा उपकरण और घरेलू उपकरण, पशु चिकित्सा दवाइयां और मशीनरी शामिल हैं।

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय