सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन के लिए 14,335 करोड़ रुपये की योजनाओं को मंजूरी दी

सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन के लिए 14,335 करोड़ रुपये की योजनाओं को मंजूरी दी

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  • Publish Date - September 11, 2024 / 10:10 PM IST,
    Updated On - September 11, 2024 / 10:10 PM IST

(तस्वीर के साथ)

नयी दिल्ली, 11 सितंबर (भाषा) केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को इलेक्ट्रिक बस, एम्बुलेंस और ट्रक जैसे इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए 14,335 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय वाली दो प्रमुख योजनाओं को मंजूरी दी।

इनमें से पहली योजना 10,900 करोड़ रुपये के परिव्यय वाली पीएम ई-ड्राइव योजना है जबकि दूसरी 3,435 करोड़ रुपये के बजट वाली पीएम-ई-बस सेवा-भुगतान सुरक्षा तंत्र (पीएसएम) योजना है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इन योजनाओं को मंजूरी दी गई। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि पीएम ई-ड्राइव योजना प्रदूषण को कम करने की दिशा में एक बड़ा फैसला है।

दो साल की अवधि वाली ‘पीएम इलेक्ट्रिक ड्राइव रिवोल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल एन्हांसमेंट’ (पीएम ई-ड्राइव) योजना मार्च, 2024 तक लागू रहे ‘फेम’ कार्यक्रम की जगह लेगी। फेम कार्यक्रम को हाइब्रिड एवं इलेक्ट्रिक वाहनों के त्वरित क्रियान्वयन एवं विनिर्माण के लिए अप्रैल, 2015 में शुरू किया गया था।

पीएम ई-ड्राइव योजना 24.79 लाख इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों, 3.16 लाख ई-तिपहिया वाहनों और 14,028 ई-बसों का समर्थन करेगी।

पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत 88,500 चार्जिंग स्टेशनों को भी समर्थन मुहैया कराया जाएगा। इससे इलेक्ट्रिक वाहनों के लंबी दूरी तय करने से जुड़ी चिंताएं दूर करने में मदद मिलेगी।

एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, भारी उद्योग मंत्रालय इस योजना के तहत मांग प्रोत्साहन का लाभ उठाने के लिए ई-वाउचर पेश करेगा। ईवी की खरीद के समय इस योजना के पोर्टल से खरीदार आधार-प्रमाणित ई-वाउचर हासिल कर सकेगा।

नई योजना में इलेक्ट्रिक दोपहिया, इलेक्ट्रिक तिपहिया, ई-एम्बुलेंस, ई-ट्रक और अन्य उभरते इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को अपनाने के लिए 3,679 करोड़ रुपये की सब्सिडी/मांग प्रोत्साहन की पेशकश की गई है।

इस योजना के तहत राज्य परिवहन उपक्रमों और सार्वजनिक परिवहन एजेंसियों की तरफ से 14,028 इलेक्ट्रिक बसों की खरीद के लिए 4,391 करोड़ रुपये की राशि रखी गई है।

आधिकारिक बयान के मुताबिक, स्वच्छ एवं किफायती ऊर्जा के क्षेत्र में सक्रिय सीईएसएल 40 लाख से अधिक आबादी वाले नौ शहरों में परिवहन मांग का आंकड़ा तैयार करेगी। इनमें दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, अहमदाबाद, सूरत, बेंगलुरु, पुणे और हैदराबाद शामिल हैं। राज्यों के परामर्श से अंतर-शहरी और अंतरराज्यीय ई-बसों को समर्थन दिया जाएगा।

इसके अलावा ई-एम्बुलेंस की तैनाती के लिए 500 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं। यह मरीजों के आरामदायक परिवहन के लिए ई-एम्बुलेंस का इस्तेमाल बढ़ाने के लिए सरकार की एक नई पहल है।

वैष्णव ने कहा कि इलेक्ट्रिक ट्रकों को अपनाने के लिए भी पीएम ई-ड्राइव योजना में 500 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की गई है।

इस योजना में इलेक्ट्रिक चार-पहिया वाहनों के लिए 22,100 फास्ट चार्जर, ई-बसों के लिए 1,800 फास्ट चार्जर और इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिए 48,400 फास्ट चार्जर लगाने का प्रस्ताव है। चार्जिंग स्टेशनों के लिए परिव्यय 2,000 करोड़ रुपये होगा।

वैष्णव ने कहा, ‘‘यह पूरा कार्यक्रम सतत विकास और यह सुनिश्चित करने में बड़ा मददगार होगा कि हमारा देश इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल की दिशा में तेजी से आगे बढ़े।’’

उन्होंने कहा कि सार्वजनिक परिवहन प्राधिकरणों (पीटीए) द्वारा ई-बसों की खरीद और संचालन के लिए पीएम-ई-बस सेवा-भुगतान सुरक्षा तंत्र (पीएसएम) योजना के तहत 38,000 ई-बसों को लाने के लिए 3,435 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

यह योजना वित्त वर्ष 2024-25 से वित्त वर्ष 2028-29 तक 38,000 से अधिक ई-बसों की तैनाती का समर्थन करेगी। यह योजना तैनाती की तारीख से 12 साल तक की अवधि के लिए ई-बसों के संचालन का समर्थन करेगी।

बयान के मुताबिक, पीएसएम योजना एक समर्पित कोष के जरिये वाहन विनिर्माताओं/ ऑपरेटरों को समय पर भुगतान सुनिश्चित करेगी। पीटीए द्वारा भुगतान में चूक की स्थिति में, कार्यान्वयन एजेंसी सीईएसएल योजना निधि से आवश्यक भुगतान करेगी, जिसे बाद में पीटीए/राज्य/केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा वसूल किया जाएगा।

इससे पहले सरकार ने दो चरणों में फेम योजना को लागू किया था। फेम-1 और फेम-2 के तहत लगभग 16 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों को वित्तीय समर्थन दिया गया।

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय