सरकार ने फेम चरण-दो के तहत 670 ई्-बसों, 241 चार्जिंग स्टेशनों की मंजूरी दी

सरकार ने फेम चरण-दो के तहत 670 ई्-बसों, 241 चार्जिंग स्टेशनों की मंजूरी दी

सरकार ने फेम चरण-दो के तहत 670 ई्-बसों, 241 चार्जिंग स्टेशनों की मंजूरी दी
Modified Date: November 29, 2022 / 08:05 pm IST
Published Date: September 25, 2020 7:17 am IST

नयी दिल्ली, 25 सितंबर (भाषा) सरकार ने फेम इंडिया योजना चरण-दो के तहत महाराष्ट्र, गोवा, गुजरात और चंडीगढ़ के लिए 670 इलेक्ट्रिक बसों की मंजूरी दी है। इसके अलावा योजना के तहत मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, केरल, गुजरात और पोर्ट ब्लेयर के लिए कुल 241 चार्जिंग स्टेशनों की मंजूरी दी है।

केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शुक्रवार को कहा कि यह फैसला केंद्र की पेट्रोलियम ईंधन पर निर्भरता को कम करने और वाहन से उत्सर्जन के मुद्दे को हल करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पर्यावरणनुकूल सार्वजनिक परिवहन के दृष्टिकोण के भी अनुरूप है।

जावड़ेकर ने कहा, ‘‘यह एक अच्छी शुरुआत है। शहरों में ई-बसों, ई-रिक्शा, ई-स्कूटी तथा ई-कारों से पर्यावरणनुकूल परिवहन को आगे बढ़ाया जा सकता है।’’

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मंत्री ने कई ट्वीट कर बताया कि कोल्लम के लिए 25 चार्जिंग स्टेशनों, तिरुवनंतपुरम के लिए 27, मलप्पुरम (सभी केरल) के लिए 28 चार्जिंग स्टेशनों की मंजूरी दी गई है। पोर्ट ब्लेयर के लिए 10 और तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली के लिए 25 चार्जिंग स्टेशनों को मंजूरी दी गई है।

जावड़ेकर ने कहा कि बिजलीचालित वाहनों को प्रोत्साहन के लिए चार्जिंग स्टेशन सबसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा है।

उन्होंने कहा, ‘‘पहले ही विभिन्न शहरों में 450 बसें दौड़ रही हैं। अब 670 ई-बसों को मंजूरी दी गई है। महाराष्ट्र के लिए 240, गुजरात के लिए 250, गोवा के लिए 100 और चंडीगढ़ के लिए 80 ई-बसों को मंजूरी दी गई है। केरल और अन्य राज्यों के लिए भी ई-चार्जिंग स्टेशन मंजूर किए गए हैं।’’

भारी उद्योग एवं लोक उपक्रम मंत्रालय के तहत भारी उद्योग विभाग अप्रैल, 2015 से फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग (हाइब्रिड एंड) इलेक्ट्रिक वेहिकल्स इन इंडिया (फेम इंडिया) योजना को चला रहा है। यह योजना देश में इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों को प्रोत्साहन देने के लिए बनाई गई है।

अभी एक अप्रैल, 2019 से तीन साल के लिए फेम इंडिया योजना के चरण-दो का कार्यान्वयन किया जा रहा है। इसके लिए कुल 10,000 करोड़ रुपये का बजटीय समर्थन उपलब्ध कराया गया है।

भाषा अजय अजय

अजय


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