नयी दिल्ली, 19 नवंबर (भाषा) केंद्रीय इस्पात मंत्री एच डी कुमारस्वामी ने मंगलवार को कहा कि सरकार इस्पात आयात से संबंधित मुद्दों के समाधान के लिए काम कर रही है।
कुमारस्वामी ने फिक्की के ‘इलेक्ट्रिक वाहन- परिवहन में तेजी: सक्षमता तथा अनिवार्यता’ विषय पर आयोजित सम्मेलन से इतर ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि उद्योग ने मंत्रालय को इस बारे में बताया है और मंत्रालय इस मुद्दे से अवगत है।
उन्होंने कहा, ‘‘ कुछ मुद्दे हैं। उनका (इस्पात कंपनियां) कहना है कि कुछ देशों से घटिया सामग्री आयात की जा रही है। इससे निपटने के लिए हम काम कर रहे हैं।’’
घरेलू इस्पात कंपनियां चुनिंदा देशों से बढ़ते सस्ते इस्पात आयात पर लगातार चिंता जता रही हैं, जिससे उनकी प्रतिस्पर्धात्मकता प्रभावित हो रही है।
बाजार-खुफिया एवं वस्तुओं की परामर्श कंपनी ‘बिगमिंट’ के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) ध्रुव गोयल ने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में सालाना आधार पर इस्पात आयात में करीब 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसमें सबसे अधिक चीन की हिस्सेदारी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ यह उछाल मुख्य रूप से चीन में घरेलू मांग में कमी के कारण वहां से बढ़े हुए इस्पात निर्यात के कारण है। अनुमान है कि 2024 में चीन का निर्यात 10 करोड़ टन को पार कर जाएगा, जो आठ वर्षों में सबसे अधिक होगा।’’
गोयल ने कहा कि इसके अलावा वियतनाम ने भारत को महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वियतनाम से निर्यात मुक्त व्यापार समझौते से लाभान्वित होता है, जो उन्हें आयात शुल्क से छूट देता है।
बिगमिंट के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-सितंबर 2024-25 में भारत का इस्पात आयात 55.1 लाख टन था, जो एक साल पहले की समान अवधि में 36.6 लाख टन से अधिक है।
वित्त वर्ष 2023-24 की अप्रैल-सितंबर अवधि में चीन से आयात 10.2 लाख टन से बढ़कर इस साल समान अवधि में 18.5 लाख टन हो गया।
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