सरकार किसान उत्पादक संगठनों की समीक्षा करेगी

सरकार किसान उत्पादक संगठनों की समीक्षा करेगी

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  • Publish Date - July 8, 2024 / 07:57 PM IST,
    Updated On - July 8, 2024 / 07:57 PM IST

नयी दिल्ली, आठ जुलाई (भाषा) कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को कहा कि सरकार किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के प्रदर्शन की समीक्षा करेगी। इन संस्थाओं के लिए तीन साल की समर्थन अवधि समाप्त हो रही है, इसको देखते हुए यह निर्णय किया गया है।

चौहान ने यहां ‘दिल्ली हाट’ आईएनए में आयोजित मेले में अपने उत्पाद प्रदर्शित करने वाले 55 एफपीओ से मिलने के बाद यह बयान दिया।

एफपीओ योजना 2020 में शुरू की गई थी। इसका लक्ष्य 6,865 करोड़ रुपये के बजटीय प्रावधान के साथ 2024 तक 10,000 नये एफपीओ बनाने और उन्हें बढ़ावा देने का है।

सरकार ने कार्यक्रम के तहत तीन साल के लिए प्रति एफपीओ 18 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की। साथ ही इतना ही इक्विटी अनुदान और क्रेडिट गारंटी सुविधा भी दी।

हालांकि, मंत्री ने कहा कि एफपीओ के लिए परिणाम अलग-अलग रहे हैं। कुछ एफपीओ ने उल्लेखनीय सफलता हासिल की है जबकि अन्य को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

चौहान ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘तीन साल में कुछ एफपीओ अपने पैर पर खड़े हो गये जबकि कुछ संघर्ष कर रहे हैं। हम उनकी प्रगति को समझने और उन कमियों की पहचान के लिए सभी एफपीओ की गहन समीक्षा करेंगे और यह पता लगाएंगे कि क्या उन्हें अतिरिक्त समर्थन की आवश्यकता है।’’

सरकार द्वारा नियुक्त क्रियान्वयन एजेंसियां समीक्षा प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। उन्हें पांच साल तक नये एफपीओ को सहायता और समर्थन प्रदान करने का काम सौंपा गया है।

चौहान ने कहा, ‘‘हमारा लक्ष्य है कि सभी एफपीओ आत्मनिर्भर बनें और किसानों के समग्र सशक्तीकरण में योगदान दें।’’

कृषि मंत्री ने कहा कि देशभर में अबतक लगभग 8,875 एफपीओ स्थापित हो चुके हैं, जबकि लक्ष्य 10,000 का था। कुछ एफपीओ ने एक करोड़ रुपये तक का कारोबार हासिल किया है और ऑनलाइन ऑर्डर प्राप्त कर रहे हैं।

चौहान ने कहा कि कृषि क्षेत्र में क्रांति लाने और किसानों की आय बढ़ाने में एफपीओ की भूमिका महत्वपूर्ण है।

उन्होंने उत्पादों के विपणन में किसानों के सामने आने वाली चुनौतियों को स्वीकार किया।

चौहान ने कहा कि एफपीओ के उत्पाद बड़ी निजी कंपनियों के उत्पादों की तुलना में बेहतर गुणवत्ता वाले हैं लेकिन उपभोक्ताओं तक पहुंचने के लिए उन्हें एक विपणन मंच की आवश्यकता है।

भाषा रमण अजय

अजय