नयी दिल्ली, 26 दिसंबर (भाषा) सरकार ने डाकघर अधिनियम के तहत नये नियमों को अधिसूचित किया है। नये नियम और विनियमन जन-केंद्रित सेवाओं की डिलिवरी के लिए डाक सेवाएं प्रदान करने के पारंपरिक दृष्टिकोण से बदलाव का संकेत देते हैं। साथ ही डाकघरों के जरिये दी जाने वाली सेवाओं के माध्यम से रोजगार के नये रास्ते भी खोलते हैं। बृहस्पतिवार को जारी एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई।
बयान में कहा गया है कि नये नियम ‘डाक सेवा जन सेवा’ के लक्ष्य के साथ तैयार किए गए हैं। इसका उद्देश्य नियम की भाषा को सरल बनाना और ‘न्यूनतम शासन, कारगर सरकार’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दृष्टिकोण को आगे बढ़ाना है।
डाक विभाग ने विधायी सुधारों की शुरुआत की है और पिछले साल दिसंबर में एक नया कानून ‘डाकघर अधिनियम, 2023’ तैयार किया। यह अधिनियम इस साल जून में प्रभाव में आया।
बयान के मुताबिक, ‘‘इस पहल को आगे बढ़ाने के लिए डाकघर अधिनियम, 2023 के तहत अधीनस्थ कानूनों का नया समूह यानी डाकघर नियम, 2024 और डाकघर विनियम, 2024 भी तैयार किए गए हैं। भारत सरकार ने आधिकारिक राजपत्र के जरिये अधीनस्थ कानूनों को अधिसूचित किया है और ये 16 दिसंबर, 2024 से प्रभावी हो गए हैं।’’
डाकघर नियम, 2024 को डाकघरों की तरफ से दी जाने वाली सेवाओं को सक्षम बनाने के लिए बनाया गया है। इसमें विभाग के नए रास्ते खोलने और डाकघर के जरिये दी जा सकने वाली सेवाओं के माध्यम से रोजगार सृजन शामिल है। इसमें सार्वजनिक और निजी संस्थाओं के सहयोग से दूरदराज के इलाकों में भी जन-केंद्रित सेवाओं की आपूर्ति के लिए पहुंच प्रदान करने पर जोर रहेगा।
नियमों में डिजिटल पते और डिजिटल मोड- डाक या अन्य शुल्कों के भुगतान के भविष्य के पहलू भी हैं। यह डिजिटल रूप में टिकट सहित डाक टिकटों को जारी करने और शिकायत निवारण के लिए सक्षम प्रावधान के संबंध में सरकारी काम को मान्यता देता है।
बयान में कहा गया है कि इन नियमों में दंडात्मक प्रावधान नहीं हैं। डाकघर विनियम, 2024 में देशभर में डाकघर द्वारा पेश किए जाने वाले उत्पादों और सेवाओं के विवरण और परिचालन पहलुओं को शामिल किया गया है और इसमें डाकघर नेटवर्क के माध्यम से दी जाने वाली बीमा और वित्तीय सेवाओं के लिए सक्षम प्रावधान भी शामिल हैं।
भाषा रमण अजय
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