नई दिल्लीः Government may impose tax on cryptocurrencies सरकार आगामी आम बजट में क्रिप्टोकरेंसी की खरीद-बिक्री को कर के दायरे में लाने पर विचार कर सकती है। कर क्षेत्र के एक विश्लेषक ने यह राय जताई है। नांगिया एंडरसन एलएलपी के कर प्रमुख अरविंद श्रीवत्सन ने कहा कि सरकार आगामी बजट में एक निश्चित सीमा से ऊपर क्रिप्टोकरेंसी की बिक्री और खरीद पर टीडीएस / टीसीएस लगाने पर विचार कर सकती है और इस तरह के लेनदेन को विशेष लेनदेन के दायरे में लाया जाना चाहिए, ताकि आयकर अधिकारियों को इनकी जानकारी मिल सके।
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Government may impose tax on cryptocurrencies साथ ही उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी की बिक्री से होने वाली आय पर लॉटरी, गेम शो, पहेली की तरह 30 प्रतिशत की उच्च कर दर से कर लिया जाना चाहिए। श्रीवत्सन ने कहा कि इस समय भारत में विश्व स्तर पर क्रिप्टो मालिकों की संख्या सबसे अधिक लगभग 10.07 करोड़ है, और एक रिपोर्ट के मुताबिक 2030 तक भारतीयों द्वारा क्रिप्टोकरेंसी में निवेश बढ़कर 24.1 करोड़ डॉलर तक हो सकता है।
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उन्होंने आगामी आम बजट पर पीटीआई-भाषा के साथ बातचीत में कहा, ‘‘क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने के लिए संसद के शीतकालीन सत्र में एक विधेयक पेश किए जाने की उम्मीद थी। हालांकि, इसे पेश नहीं किया गया, और अब उम्मीद है कि सरकार बजट सत्र में इस विधेयक को ला सकती है। अगर सरकार ने भारतीयों को क्रिप्टोकरेंसी में कारोबार से प्रतिबंधित नहीं किया, तो हम उम्मीद करते हैं कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी के लिए एक प्रतिगामी कर व्यवस्था ला सकती है।’’
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उन्होंने कहा कि बाजार के आकार, इसमें शामिल राशि और क्रिप्टोकरेंसी के साथ जोखिम को देखते हुए इसके कराधान में कुछ बदलाव किए जा सकते हैं, जैसे कि उन्हें स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) और स्रोत पर एकत्र कर (टीसीएस) के दायरे में लाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी की बिक्री और खरीद दोनों को वित्तीय लेनदेन विवरण (एसएफटी) के दायरे में लाया जाना चाहिए। ऐसा करने से इनकी निगरानी की जा सकेगी। श्रीवत्सन ने कहा कि लॉटरी, गेम शो, पहेली आदि की तर्ज पर क्रिप्टोकरेंसी की बिक्री से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत की उच्च दर से कर लगाना चाहिए।