सरकार ने 10,900 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ पीएम ई-ड्राइव सब्सिडी योजना शुरू की

सरकार ने 10,900 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ पीएम ई-ड्राइव सब्सिडी योजना शुरू की

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  • Publish Date - October 1, 2024 / 05:11 PM IST,
    Updated On - October 1, 2024 / 05:11 PM IST

नयी दिल्ली, एक अक्टूबर (भाषा) सरकार ने मंगलवार को 10,900 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ पीएम ई-ड्राइव योजना शुरू की। इस योजना का मकसद भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाने, चार्जिंग अवसंरचना की स्थापना और ईवी विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र के विकास को प्रोत्साहित करना है।

यह योजना एक अक्टूबर, 2024 से 31 मार्च, 2026 तक लागू की जाएगी।

इसके साथ ही एक अप्रैल, 2024 से 30 सितंबर, 2024 तक के लिए लागू की जा रही ईएमपीएस-2024 (इलेक्ट्रिक गतिशीलता संवर्धन योजना) को पीएम ई-ड्राइव योजना में शामिल कर लिया जाएगा।

पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिए सब्सिडी बैटरी पावर के आधार पर 5,000 रुपये प्रति किलोवाट घंटा तय की गई है। योजना के दूसरे वर्ष में इसे आधा करके 2,500 रुपये प्रति किलोवाट घंटा कर दिया जाएगा और कुल लाभ 5,000 रुपये से अधिक नहीं होगा।

इस समय ओला, टीवीएस, एथर एनर्जी, हीरो विडा (हीरो मोटोकॉर्प) और चेतक बजाज जैसी कंपनियों की बैटरी क्षमता 2.88 से चार किलोवाट घंटे तक है। इनकी कीमत 90,000 रुपये से 1.5 लाख रुपये के बीच है।

इस योजना की पेशकश करते हुए भारी उद्योग मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव हनीफ कुरैशी ने कहा कि पूरी प्रक्रिया को सहज बनाने के लिए एक मोबाइल ऐप पेश किया जाएगा, जिसके जरिये योजना के तहत सब्सिडी प्राप्त करने के लिए ई-वाउचर बनाया जा सकेगा।

उन्होंने कहा कि एक आधार के लिए एक वाहन की अनुमति होगी। जैसे ही वाहन बिकेगा, ई-वाउचर तैयार हो जाएगा।

उन्होंने आगे बताया कि पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत परीक्षण सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए 780 करोड़ रुपये तय किए गए हैं।

पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत ई-2डब्ल्यू, ई-3डब्ल्यू, ई-एम्बुलेंस, ई-ट्रक और अन्य ईवी को प्रोत्साहित करने के लिए 3,679 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई है।

योजना के तहत 24.79 लाख इलेक्ट्रिक दोपहिया (ई-2डब्ल्यू), 3.16 लाख इलेक्ट्रिक तिपहिया (ई-3डब्ल्यू) और 14,028 ई-बसों के लिए सब्सिडी दी जाएगी।

ई-रिक्शा सहित तिपहिया वाहनों को पहले साल में 25,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि मिलेगी, जिसे दूसरे वर्ष में आधा करके 12,500 रुपये कर दिया जाएगा।

भाषा पाण्डेय अजय

अजय