सरकार ने निर्यात पर कर वापसी योजना एक साल के लिए बढ़ायी

सरकार ने निर्यात पर कर वापसी योजना एक साल के लिए बढ़ायी

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  • Publish Date - September 30, 2024 / 08:24 PM IST,
    Updated On - September 30, 2024 / 08:24 PM IST

नयी दिल्ली, 30 सितंबर (भाषा) सरकार ने घरेलू शुल्क क्षेत्र (डीटीए) में स्थित इकाइयों से किए गए निर्यात पर आरओडीटीईपी योजना के तहत दिए जा रहे लाभ को 30 सितंबर, 2025 तक बढ़ाने की सोमवार को घोषणा की।

निर्यात उत्पादों पर शुल्क और करों की छूट की योजना (आरओडीटीईपी) उन करों, शुल्कों और शुल्कों की वापसी का प्रावधान करती है जो निर्यातकों द्वारा माल के निर्माण और वितरण की प्रक्रिया में खर्च किए जाते हैं और केंद्र, राज्य या स्थानीय स्तर पर किसी अन्य व्यवस्था के तहत उनकी भरपाई नहीं की जा रही है।

इस योजना को जनवरी, 2021 में शुरू किया गया था और इसकी अवधि 30 सितंबर, 2024 को खत्म हो रही थी। लेकिन अब इसकी अवधि बढ़ा दी गई है।

विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक अधिसूचना में कहा कि अग्रिम मंजूरी धारकों, निर्यात-उन्मुख इकाइयों और विशेष आर्थिक क्षेत्रों (एसईजेड) के लिए इस योजना को इस साल 31 दिसंबर तक बढ़ा दिया गया है।

वहीं, डीटीए इकाइयों से किए गए निर्यात के लिए इस योजना को 30 सितंबर, 2025 तक बढ़ाया जा रहा है।

डीजीएफटी के मुताबिक, आरओडीटीईपी योजना के तहत संशोधित दरों को भी इस साल 10 अक्टूबर से लागू करने के लिए अधिसूचित किया गया है। उस समय तक आइसगेट पोर्टल नई दरों के साथ अद्यतन हो जाएगा।

माल की आवक और ढुलाई बिल जैसे सीमा-शुल्क संबंधी सभी दस्तावेजों को ऑनलाइन दाखिल करने के लिए आइसगेट पंजीकरण एक पूर्व-शर्त है।

वित्त वर्ष 2022-23 में इस योजना ने 13,020 करोड़ रुपये की लागत से 450 अरब डॉलर के निर्यात का समर्थन किया। वहीं 2021-22 में इस योजना से 421 अरब डॉलर का निर्यात हुआ और 12,100 करोड़ रुपये खर्च हुए।

इस योजना के तहत कर वापसी की दर उत्पाद के मूल्य का 0.5 प्रतिशत से 4.3 प्रतिशत तक है।

भाषा प्रेम प्रेम रमण

रमण