सरकार ने खाद्य तेल कंपनियों से खुदरा मूल्य में वृद्धि नहीं करने को कहा

सरकार ने खाद्य तेल कंपनियों से खुदरा मूल्य में वृद्धि नहीं करने को कहा

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  • Publish Date - September 17, 2024 / 09:41 PM IST,
    Updated On - September 17, 2024 / 09:41 PM IST

नयी दिल्ली, 17 सितंबर (भाषा) सरकार ने खाद्य तेल प्रसंस्करणकर्ताओं से आयात शुल्क में हाल ही में की गई वृद्धि के बाद खुदरा मूल्य नहीं बढ़ाने को कहा है। इसका कारण कम शुल्क पर भेजे गए खाद्य तेलों का पर्याप्त स्टॉक का उपलब्ध होना है।

खाद्य मंत्रालय ने कहा कि कम शुल्क पर आयातित स्टॉक आसानी से 45-50 दिनों तक चलेगा और इसलिए प्रसंस्करणकर्ताओं को अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) बढ़ाने से बचना चाहिए।

पिछले सप्ताह, केंद्र ने घरेलू तिलहन कीमतों का समर्थन करने के लिए विभिन्न खाद्य तेलों पर मूल सीमा शुल्क में वृद्धि की थी।

इस महीने की 14 तारीख से प्रभावी, कच्चे सोयाबीन तेल, कच्चे पाम तेल और कच्चे सूरजमुखी तेल पर मूल सीमा शुल्क को शून्य से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है। इससे कच्चे तेलों पर प्रभावी शुल्क 27.5 प्रतिशत हो गया है।

इसके अतिरिक्त, रिफाइंड पाम तेल, रिफाइंड सूरजमुखी तेल और रिफाइंड सोयाबीन तेल पर मूल सीमा शुल्क 12.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 32.5 प्रतिशत कर दिया गया है, जिससे रिफाइंड तेलों पर प्रभावी शुल्क 35.75 प्रतिशत हो गया है।

मंगलवार को खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने सॉल्वेंट एक्सट्रैक्शन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए), इंडियन वेजिटेबल ऑयल प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (आईवीपीए) और सोयाबीन ऑयल प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (एसओपीए) के प्रतिनिधियों के साथ मूल्य निर्धारण रणनीति पर चर्चा करने के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की।

एक सरकारी बयान में कहा गया है, ‘‘प्रमुख खाद्य तेल संघों को यह सुनिश्चित करने की सलाह दी गई है कि शून्य प्रतिशत और 12.5 प्रतिशत मूल सीमा शुल्क (बीसीडी) पर आयातित खाद्य तेल स्टॉक की उपलब्धता रहने तक प्रत्येक तेल का एमआरपी बरकरार रखा जाए और अपने सदस्यों के साथ इस मुद्दे को तुरंत उठाया जाए।’’

इसमें कहा गया है, ‘‘केंद्र सरकार को यह भी पता है कि कम शुल्क पर आयातित खाद्य तेलों का करीब 30 लाख टन स्टॉक है जो 45 से 50 दिनों की घरेलू खपत के लिए पर्याप्त है।’’

भारत घरेलू मांग को पूरा करने के लिए बड़ी मात्रा में खाद्य तेलों का आयात करता है। आयात पर निर्भरता कुल आवश्यकताओं का 50 प्रतिशत से अधिक है।

खाद्य मंत्रालय ने कहा कि आयात शुल्क बढ़ाने का निर्णय घरेलू तिलहन किसानों को बढ़ावा देने के लिए सरकार के चल रहे प्रयासों का हिस्सा है। विशेषकर अक्टूबर 2024 से बाजारों में आने वाली सोयाबीन और मूंगफली की नयी फसलों के कारण यह कदम उठाया गया है।

भाषा राजेश राजेश रमण

रमण