प्रतिस्पर्धा-रोधी मामले में गूगल की याचिका उच्चतम न्यायालय में सूचीबद्ध

प्रतिस्पर्धा-रोधी मामले में गूगल की याचिका उच्चतम न्यायालय में सूचीबद्ध

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  • Publish Date - September 19, 2024 / 04:53 PM IST,
    Updated On - September 19, 2024 / 04:53 PM IST

नयी दिल्ली, 19 सितंबर (भाषा) दिग्गज प्रौद्योगिकी कंपनी गूगल ने बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय में कहा कि एंड्रॉयड मोबाइल प्रणाली में कथित प्रतिस्पर्धा-रोधी व्यवहार से संबंधित मामले में बहस पांच-छह दिन तक चल सकती है।

राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने पिछले साल 29 मार्च को इस मामले में गूगल की कथित प्रतिस्पर्धा-रोधी प्रथाओं पर एक मिलाजुला निर्णय दिया था। उसने गूगल पर लगा 1,338 करोड़ रुपये का जुर्माना बरकरार रखा था लेकिन अपने एंड्रॉयड प्लेस्टोर पर तीसरे पक्ष के ऐप की मेजबानी की अनुमति देने जैसी शर्तों को खत्म कर दिया था।

शीर्ष अदालत में अपीलीय न्यायाधिकरण के फैसले को गूगल ने चुनौती दी है। इसके साथ भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने भी जवाबी अपील दाखिल की हुई है।

मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला एवं न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने मामले से जुड़ी याचिकाएं बृहस्पतिवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दीं। लेकिन याचिकाओं पर सुनवाई होने की संभावना नहीं है क्योंकि पीठ के पास आंशिक रूप से सुने गए मामलों की भरमार है।

गूगल की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने याचिका का उल्लेख करते हुए कहा कि मामले की सुनवाई में पांच-छह दिन लग सकते हैं।

इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा, ‘‘याचिका कार्य सूची में अपनी स्थिति बनाए रखेगी। देखते हैं चीजें आगे बढ़ती हैं… इस मामले को शुरू होने दें। हम देखेंगे।’’

इससे पहले जुलाई में उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि वह मामले में गूगल और प्रतिस्पर्धा आयोग की याचिकाओं पर सितंबर के दूसरे सप्ताह में सुनवाई करेगा।

पीठ ने मामले के आसान निर्णय के लिए दोनों पक्षों के वकीलों की मदद से एकसमान डिजिटल अर्जी तैयार करने के लिए वकील समीर बंसल को नोडल वकील नियुक्त किया था।

एनसीएलएटी ने अपने फैसले में एंड्रॉयड पारिस्थितिकी में अपनी अग्रणी स्थिति का फायदा उठाने के लिए गूगल पर सीसीआई की तरफ से लगाए गए जुर्माने को बरकरार रखा था। लेकिन गूगल को पहले से इंस्टॉल ऐप को उपयोगकर्ताओं द्वारा हटाने पर प्रतिबंध नहीं लगाने का आदेश खारिज कर दिया गया था।

प्रतिस्पर्धा आयोग ने 20 अक्टूबर, 2022 को एंड्रॉयड मोबाइल उपकरणों के संबंध में प्रतिस्पर्धा-रोधी व्यवहार के लिए गूगल पर 1,337.76 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था।

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय अनुराग

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