Aaj ka Sone ka Bhav
Gold Rate: नई दिल्ली। सोने-चांदी की किमतों में उतार चढ़ाव जारी है। सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन यानी 21 जून 2024 को सोने और चांदी के भाव में उछाल देखने को मिला। शुक्रवार को मार्केट खुलते ही सोने के दाम में 564 रुपये तेजी आई तो वहीं, चांदी की कामतों में भी 628 रुपये का उछाल देखा गया है। हाल ही में चीन के सेंट्रल बैंक ने गोल्ड की खरीदारी घटाई तो सोने की कीमतों पर दबाव देखने को मिला था। फिलहाल चीन के अलावा कुछ और देशों के सेंट्रल बैंक शायद शॉर्ट टर्म में सोने की खरीदारी से बचेंगे।
WGC के एक सर्वे के निवेशकों को मिले जवाब
बता दें कि ये बैंक पिछले दो ढाई साल में सोने की खरीदारी को लेकर बेहद आक्रामक रहे हैं। ऐसे में हर कोई ये जानने को बेहद इच्छुक है कि आखिर सोने में निवेश करें या नहीं, क्योंकि मई में जहां स्पॉट गोल्ड 2 हजार 449.89 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था तो वहीं अभी फिलहाल ये 2 हजार 330 डॉलर प्रति औंस के दाम पर है। ऐसे में इस गिरावट से निवेशकों का चिंतित होना जायज है, लेकिन हाल ही में वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल यानी WGC के एक सर्वे के बाद निवेशकों के कई सवालों का जवाब मिल गए हैं।
सेंट्रल बैंक ने दिखाया उत्साह
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के 2024 Central Bank Gold Reserves यानी CBGR survey में कहा गया है कि 29 फीसदी सेंट्रल बैंक अगले 12 महीने में अपने गोल्ड रिजर्व में बढ़ोतरी करने को लेकर उत्साहित हैं। बता दें कि पिछले साल के सर्वे में दुनिया के 24 % सेंट्रल बैंक अपने गोल्ड रिजर्व में इजाफा करने को लेकर उत्साहित थे, जबकि 2022 में 25 %, 2021 में 21 %, 2020 में 20 % और 2019 में 8 % सेंट्रल बैंक अगले 1 साल में गोल्ड रिजर्व बढ़ाने को लेकर उत्साहित थे। 2019 से किए जा रहे WGC के इस सर्वे में इस साल गोल्ड की खरीदारी को लेकर केंद्रीय बैंकों ने सबसे ज्यादा उत्साह जताया है।
बदल गई सोना खरीदारी की वजह!
सर्वे के अनुसार, सेंट्रल बैंक आगे भी सोने की खरीदारी इसलिए जारी रखेंगे क्योंकि इन बैंकों के लिए भू राजनीतिक तनाव और महंगाई, ब्याज दर जैसे मैक्रोइकोनॉमिक फैक्टर्स ज्यादा मायने रखेंगे। पिछले साल के सर्वे में ये बात सामने आई थी कि केंद्रीय बैंक सोने के ऐतिहासिक महत्व के चलते इसकी खरीदारी करते हैं, लेकिन इस साल के सर्वे में ये पांचवें स्थान पर आ गई और सोने की महंगाई को मात देने की ताकत सबसे बड़ी वजह बन गई है। खरीदारी की दूसरी बड़ी वजह इस कीमती धातु का संकट के दौर में प्रदर्शन है। वहीं, तीसरी वजह पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करने में सोने की भूमिका और चौथी वजह डिफॉल्ट को लेकर सोने का जोखिम रहित होना बताई जा रही है।
कितना फीसदी गोल्ड खरीदेगा केंद्रीय बैंक
बता दें कि गोल्ड रिजर्व में बढ़ोतरी को लेकर बैंकों की राय का भी वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के इसी सर्वे में जिक्र किया गया है, जिसके अनुसार, 81% सेंट्रल बैंकों ने माना कि अगले 12 महीने में केंद्रीय बैंकों के कुल गोल्ड रिजर्व में बढ़ोतरी हो सकती है, जबकि 2023 के सर्वे में 71 फीसदी बैंकों ने इस तरह की आशंका जताई थी। वहीं, 2022 में 61 %, 2021 में 52 %, 2020 में 75 %और 2019 में 54 % केंद्रीय बैंकों ने अगले 1 साल में गोल्ड रिजर्व में बढ़ोतरी होने की संभावना जताई थी।
Gold Rate: सोने की खरीदारी को लेकर बात करें तो WGC के आंकड़ों के अनुसार, दुनिया भर के सेंट्रल बैंकों ने 2023 में 1,037 टन सोना खरीदा था जो दूसरी बड़ी खरीदारी थी, जबकि 2022 में की गई 1,082 टन की खरीदारी अबतक का रिकॉर्ड है। ऐसे में ये देखना होगा कि 2024 में गोल्ड खरीदार बीते 2 साल के रिकॉर्ड को तोड़ पाते हैं या नहीं।