कम मांग, कमजोर वैश्विक संकेतों के कारण सोना 79,000 रुपये प्रति 10 ग्राम से नीचे आया

कम मांग, कमजोर वैश्विक संकेतों के कारण सोना 79,000 रुपये प्रति 10 ग्राम से नीचे आया

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  • Publish Date - December 4, 2024 / 07:05 PM IST,
    Updated On - December 4, 2024 / 07:05 PM IST

नयी दिल्ली, चार दिसंबर (भाषा) कमजोर वैश्विक रुझानों के बीच कारोबारियों और खुदरा विक्रेताओं की कमजोर उठान के कारण बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में सोने की कीमत 79,000 रुपये प्रति 10 किलोग्राम से नीचे आ गई। अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने यह कहा।

इस दौरान 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाली कीमती धातु 150 रुपये की गिरावट के साथ 78,850 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गई। पिछले सत्र में यह 79,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर बंद हुई थी।

इस तरह 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत में लगातार तीसरे दिन गिरावट जारी रही और यह 150 रुपये की गिरावट के साथ 78,450 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गई।

हालांकि, चांदी 100 रुपये बढ़कर 92,500 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव पर आ गई। मंगलवार को यह 92,400 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी।

मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर वायदा कारोबार में फरवरी डिलीवरी के लिए सोने के अनुबंध 93 रुपये यानी 0.12 प्रतिशत गिरकर 76,810 रुपये प्रति 10 ग्राम पर रहे।

मार्च डिलीवरी के लिए चांदी के अनुबंध 322 रुपये या 0.35 प्रतिशत की गिरावट के साथ 91,875 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गए।

एशियाई बाजार में कॉमेक्स (जिंस बाजार) सोना वायदा 4.90 डॉलर प्रति औंस यानी 0.18 प्रतिशत की गिरावट के साथ 2,663 डॉलर प्रति औंस पर आ गया।

एचडीएफसी सिक्योरिटीज में वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) सौमिल गांधी ने कहा, ”बुधवार को सोना स्थिर रहा, क्योंकि कारोबारी आने वाले सप्ताह में जारी होने वाले प्रमुख अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों का इंतजार कर रहे हैं। साथ ही वे हालिया राजनीतिक घटनाक्रम और मौद्रिक रुख का आकलन कर रहे हैं।”

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के जिंस शोध के विश्लेषक मानव मोदी ने कहा कि मंगलवार के सत्र में सोने की कीमतों में मामूली बढ़त के बाद स्थिर कारोबार हुआ। उन्होंने कहा कि एक तरफ मजबूत अमेरिकी रोजगार आंकड़ों ने दरों में कटौती के प्रति सतर्क रुख का संकेत दिया, वहीं कमजोर डॉलर और ट्रेजरी प्रतिफल में कमी ने नुकसान को सीमित किया।

मोदी ने कहा कि पश्चिम एशिया में भू-राजनीतिक तनाव के साथ ही दक्षिण कोरिया में अशांति ने भी कुछ सुरक्षित निवेश को बढ़ावा दिया।

भाषा पाण्डेय रमण

रमण