धवल बुच के समर्थन में उतरे गोदरेज कंज्यूमर के सीईओ सुधीर सीतापति

धवल बुच के समर्थन में उतरे गोदरेज कंज्यूमर के सीईओ सुधीर सीतापति

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  • Publish Date - September 16, 2024 / 05:50 PM IST,
    Updated On - September 16, 2024 / 05:50 PM IST

नयी दिल्ली, 16 सितंबर (भाषा) गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सुधीर सीतापति ने समस्याओं में घिरी बाजार नियामक सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच के पति धवल बुच का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि जब सरकार और निजी क्षेत्र की दुनिया टकराती है तो यह उसके दुष्प्रभाव हो सकते हैं।

धवल और माधबी को कंपनियों को परामर्श सेवाएं देने के मामले में हितों के टकराव के आरोप का सामना करना पड़ रहा है।

नेटवर्किंग मंच लिंक्डइन पर उन्होंने लिखा है कि जब तक कंपनी जगत से आने वाले शीर्ष पेशेवरों के संदर्भ को नहीं समझा जाएगा, ऐसी स्थिति हो सकती है कि निजी क्षेत्र का कोई भी वरिष्ठ व्यक्ति कभी भी सरकारी नौकरी पर विचार नहीं करेगा।

सीतापति ने कहा कि भारत इस समय बदलाव के दौर में है, ऐसे में निजी क्षेत्र में बहुत सारी प्रतिभाएं हैं जिसका उपयोग सरकार कर सकती है। ‘‘हमें शायद हर निजी चीज के प्रति अपने पुराने समाजवादी पूर्वाग्रहों पर फिर से विचार करने की आवश्यकता है।’’

उन्होंने लिखा है, ‘‘मैं धवल बुच को 22 साल से जानता हूं। उन्हें तब से जानता हूं जब मैंने हिंदुस्तान यूनिलीवर में काम किया था। मैं उनसे काफी कनिष्ठ था, लेकिन अपनी ईमानदारी के लिए जानी जाने वाली कंपनी में ईमानदारी के लिए उनकी प्रतिष्ठा अलग थी।’’

एचयूएल ईमानदारी से काम करने वाले बेहतर पेशेवरों के लिए जानी जाती है। कंपनी में आपूर्ति श्रृंखला के बेहतरीन पेशेवर के रूप में उनकी साख काबिले तारीफ थी।

सीतापति ने माधबी पुरी बुच के खिलाफ हाल के आरोपों में से एक पर अपनी राय साझा की। आरोप में कहा गया है कि सेबी प्रमुख के पति धवल बुच को प्रमुख कंपनियों से परामर्श कार्यों के लिए धन प्राप्त हुआ था। इसका साफ मतलब है कि यह सब सेबी ने उन पर जो उपकार किये, उसके बदले था।

उन्होंने कहा, ‘‘मेरे लिए, आपूर्ति श्रृंखला के विशेषज्ञ के रूप में प्रमुख कंपनियों में उनकी मांग का बने रहना उनके प्रति भरोसे को बताता है….।’’

आरोपों की सत्यता और राजनीति को एक तरफ रखते हुए, सीतापति ने कहा, ‘‘ जब सरकार और निजी क्षेत्र की दुनिया टकराती है तो हम इसके दुष्परिणाम देख सकते हैं।’’

उन्होंने कहा कि पश्चिम में, विशेष रूप से अमेरिका में, निजी क्षेत्र से लोगों का सरकारी नौकरियों में जाना बहुत आम है। और सरकारी क्षेत्र के लोगों का निजी क्षेत्र में जाना भी उतनी ही आम बात है। ‘‘जहां तक मुझे याद है, निजी क्षेत्र से भारत में सेबी प्रमुख की नियुक्ति संभवत: पहला मामला है।’’

एक युवा प्रबंधन प्रशिक्षु के रूप में अपने अनुभव को याद करते हुए सीतापति ने कहा, ‘‘सरकारी और निजी क्षेत्र की दुनिया बहुत अलग इंजन पर चलती हैं। इसीलिए एक के लिए वेतन और संपत्ति बहुत अलग हैं।’’

उन्होंने कहा कि जब उनका वेतन कैबिनेट सचिव से अधिक था, जो मेरे चाचा लगते थे, तब उन्होंने पूछा कि क्या वे अपनी नौकरियां बदल सकते हैं।

सीतापति ने कहा, ‘‘…लेकिन मैंने विनम्रतापूर्वक मना कर दिया। एक परामर्श कार्य के लिए ‘चार करोड़ रुपये’ सरकारी दुनिया में बेहद संदिग्ध लगते हैं, लेकिन धवल जैसे योग्य व्यक्ति के लिए यह निजी क्षेत्र में सामान्य बात है।’’

उन्होंने कहा कि दूसरी बात, निजी क्षेत्र में काम करने का तरीका ‘विश्वास करो और घोषणा करो’ है।

सीतापति ने कहा, ‘‘नियमों का पालन करें और यदि आपने अपने ‘बॉस’ को हितों के किसी भी संभावित टकराव के बारे में जानकारी दे दी, तो आप बिल्कुल पाक-साफ हैं। सरकारी क्षेत्र में, आपको नियमों के अक्षरशः पालन करना होगा… निजी क्षेत्र की भागीदारी की भनक तक को संदेह की नजर से देखा जाता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन यदि आप निजी क्षेत्र से किसी व्यक्ति को नियुक्त करते हैं, तो स्वाभाविक रूप से निजी क्षेत्र से उनका जुड़ाव था, वह भी साथ आएगा।’’

सीतापति ने कहा, ‘‘जब तक हम इसे संदर्भों के साथ नहीं देखते और उसका सम्मान नहीं करते हैं, जिससे कॉरपोरेट जगत के शीर्ष पेशेवर आते हैं, हमारे पास ऐसी स्थिति हो सकती है जहां निजी क्षेत्र का कोई भी वरिष्ठ व्यक्ति कभी भी सरकारी नौकरी पर विचार नहीं करेगा।’’

सीतापति ने कहा, ‘‘यह कोई अच्छी बात नहीं होगी। वास्तव में यह अफसोस की बात होगी।’’

कांग्रेस ने माधबी पुरी बुच के खिलाफ कई आरोप लगाए हैं। इसमें सेवानिवृत्ति के बाद आईसीआईसीआई बैंक से आय प्राप्त करना, वॉकहार्ट एसोसिएट्स से किराये की आय अर्जित करना आदि शामिल हैं।

इसके अलावा, राजनीतिक दल ने धवल बुच और उनकी कंपनियों… भारत में एगोरा एडवाइजरी और सिंगापुर में एगोरा पार्टनर्स… के परामर्श कार्यों को लेकर भी आरोप लगाए।

धवल बुच पर महिंद्रा ग्रुप से 4.78 करोड़ रुपये कमाने का आरोप लगा है।

हालांकि, माधबी पुरी बुच और उनके पति ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने सभी आवश्यक खुलासे किए हैं और महिंद्रा समूह जैसी कंपनियों के मामलों के निपटान में खुद को अलग करने से जुड़े दिशानिर्देशों का पालन किया था। दोनों ने आरोपों को ‘निराधार, दुर्भावनापूर्ण और प्रेरित’ कहकर खारिज कर दिया है।

भाषा रमण अजय

अजय