पणजी, 12 फरवरी (भाषा) गोवा सरकार ने नई कृषि नीति जारी की है। इसके तहत राज्य में, जैविक खेती, शहरी कृषि और कृषि-पर्यटन को प्रोत्साहित करने और अधिक मूल्य वाली फसलों की खेती के लिए किसानों को सब्सिडी प्रदान करने पर ध्यान दिया गया है।
मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने मंगलवार को राज्य के कृषि मंत्री रवि नाइक की मौजूदगी में मंत्रालय में ‘गोवा राज्य अमृतकाल कृषि नीति 2025’ का अनावरण किया।
सावंत ने बाद में, संवादददताओं से बातचीत में कहा कि कृषि नीति ‘जैविक खेती, हाइड्रोपोनिक्स (जलीय कृषि), एरोपोनिक्स, वर्टिकल फार्मिंग और शहरी कृषि को बढ़ावा देने’ पर केंद्रित है।
उन्होंने कहा कि यह आम, काजू जैसी नकदी फसलों और एवोकैडो, रामबुटन, पोमेलो और अंगूर जैसे विदेशी फलों की खेती को भी प्रोत्साहित करती है, जिसमें किसानों को इन उच्च मूल्य वाली फसलों को अपनाने में सहायता करने के लिए सब्सिडी दी जाती है।
इस नीति का उद्देश्य राज्य में कृषि उत्पादों की गुणवत्ता और मात्रा में सुधार करना भी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पहल के तहत, सरकार ने किसान कल्याण कोष बोर्ड और संकटग्रस्त किसानों के कल्याण कोष की स्थापना करने का निर्णय लिया है, जो आपदाओं के दौरान किसानों की मदद करेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘इस नीति में गोवा के 52,000 किसानों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा बढ़ाने का भी प्रस्ताव है। इसमें आजीविका सुरक्षा और टिकाऊ कृषि पद्धतियों की गारंटी प्रदान करने के लिए नए गोवा किसान कल्याण अधिनियम को लागू करने का भी प्रस्ताव है।’’
यह नीति, कृषि में नवीकरणीय ऊर्जा, कृषि स्टार्ट-अप और नवाचार जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करती है।
सावंत ने कहा, ‘‘कृषि-पर्यटन के एक भाग के रूप में, कम से कम 4,000 वर्ग मीटर भूमि वाले किसानों को भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, तथा कृषि-पर्यटन के लिए विशिष्ट क्षेत्रों को नामित करने के लिए सख्त जोनिंग नियम लागू किए जाएंगे।’’
भाषा राजेश राजेश रमण
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