(बरुण झा)
दावोस, 24 जनवरी (भाषा) केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने यहां कहा कि बड़ी संख्या में वैश्विक खाद्य एवं पेय कंपनियां भारत में अपने संयंत्र स्थापित करना चाहती हैं।
उन्होंने साथ ही कहा कि ये कंपनियां अपने मौजूदा उत्पादों को लाने के अलावा भारतीय युवाओं के साथ साझेदारी में नए उत्पाद भी विकसित करना चाहती हैं।
मंत्री ने शुक्रवार को समाप्त हुए विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की पांच दिवसीय वार्षिक बैठक के दौरान पीटीआई-भाषा से कहा, ”यहां मैंने जितने भी कारोबारी नेताओं से मुलाकात की है, उनमें से लगभग सभी भारत को निवेश के लिए एक स्थान के रूप में देखते हैं तथा मैं उनकी आंखों में भारत के प्रति एक भरोसा देख सकता हूं।”
उन्होंने कहा, ”भारत भी दूसरों के साथ सहयोग करते हुए आगे बढ़ने में भरोसा रखता है।”
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री ने कहा कि भारत में वैश्विक खाद्य उद्योग का केंद्र बनने की क्षमता है। उन्होंने कहा, ”चिंता के जो भी क्षेत्र थे, हम उन मोर्चों पर मजबूती से काम कर रहे हैं। सबसे बड़ी चिंता फसल कटाई के बाद होने वाले नुकसान की थी और अधिक शीत गृह तथा लॉजिस्टिक सुविधाओं के जरिये इन नुकसानों को नियंत्रित करने के लिए बहुत काम किया गया है।”
उन्होंने कहा, ”किसानों को अपने प्याज, टमाटर और अन्य उपज सड़कों पर फेंकते देखना बहुत दुखद है, लेकिन अगर हम उन वस्तुओं का प्रसंस्करण करते हैं, तो हम उनकी उम्र बढ़ा सकते हैं। हमने उन्हें खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र से जोड़ने के लिए बहुत काम किया है।”
पासवान ने कहा कि हमारा लक्ष्य 2032 तक खाद्य प्रसंस्करण बाजार के आकार को दोगुना करना है।
उन्होंने कहा, ”यह क्षेत्र बहुत तेजी से बढ़ रहा है और इससे हमारी विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही हम भारत को वैश्विक खाद्य केंद्र बनाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सपने को साकार कर सकेंगे।”
भाषा पाण्डेय रमण
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