वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि सुस्त पड़ने, कर्ज के दलदल में फंसने का जोखिम: मुद्राकोष प्रमुख

वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि सुस्त पड़ने, कर्ज के दलदल में फंसने का जोखिम: मुद्राकोष प्रमुख

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  • Publish Date - October 24, 2024 / 09:06 PM IST,
    Updated On - October 24, 2024 / 09:06 PM IST

वाशिंगटन, 24 अक्टूबर (एपी) अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष की प्रमुख क्रिस्टलीना जॉर्जीवा ने बृहस्पतिवार को आगाह किया कि विभिन्न देशों में संघर्ष के साथ दुनिया में बढ़ते तनाव से प्रभावित वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि सुस्त पड़ने और उसके भारी कर्ज के दलदल में फंसने का जोखिम है।

उन्होंने चीन के नेताओं से आग्रह किया कि वे अपने देश की सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए और अधिक निर्णायक कदम उठायें अन्यथा आर्थिक वृद्धि दर के नीचे जाने का जोखिम बना हुआ है।

अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) की प्रबंध निदेशक जॉर्जीवा ने आईएमएफ और विश्व बैंक की बैठकों के दौरान संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह चिंतित होने का समय है।’’

आईएमएफ ने इस वर्ष वैश्विक वृद्धि दर 3.2 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है, जो कम है।

उन्होंने कहा, ‘‘संघर्ष और बढ़ते वैश्विक तनाव के साथ वैश्विक व्यापार कमजोर बना हुआ है। इस तनाव में दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं- अमेरिका और चीन के बीच खराब रिश्ते भी शामिल हैं। वास्तव में व्यापार अब वृद्धि का शक्तिशाली इंजन नहीं रह गया है। हम अधिक बंटी हुई वैश्विक अर्थव्यवस्था में रह रहे हैं।’’

वहीं, कई देश उन कर्जों से जूझ रहे हैं जो उन्होंने कोविड-19 महामारी से निपटने को लेकर लिए थे। आईएमएफ के अनुसार, इस साल दुनिया भर में सरकारी कर्ज 1,00,000 अरब डॉलर से ऊपर पहुंच जाएगा। यह वैश्विक आर्थिक उत्पादन के 93 प्रतिशत के बराबर होगा। वहीं यह 2030 तक 100 प्रतिशत तक पहुंच सकता है।

जॉर्जीवा ने कहा, ‘‘वैश्विक अर्थव्यवस्था के कम वृद्धि दर, ऊंचे कर्ज दलदल में फंसने का खतरा है। इसका मतलब है आय के साथ नौकरियां कम होंगी।’’

हालांकि उन्होंने कहा कि फिर भी, आर्थिक पृष्ठभूमि पूरी तरह निराशाजनक नहीं है।

आईएमएफ का कहना है कि दुनिया ने मुद्रास्फीति पर लगाम लगाने में काफी प्रगति की है। उन्होंने कहा कि महंगाई को काबू में लाने में फेडरल रिजर्व और अन्य केंद्रीय बैंकों के उच्च ब्याज दर समेत अन्य कदम की महत्वपूर्ण भूमिका है।

जॉर्जीवा के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष का अनुमान है कि विकसित देशों में मुद्रास्फीति अगले साल दो प्रतिशत के आसपास आ जाएगी जो कई केंद्रीय बैंकों के लक्ष्य के अनुरूप है।

एपी रमण अनुराग

अनुराग