वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दाम में नरमी की उम्मीद: पेट्रोलियम मंत्री पुरी

वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दाम में नरमी की उम्मीद: पेट्रोलियम मंत्री पुरी

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  • Publish Date - October 22, 2024 / 06:31 PM IST,
    Updated On - October 22, 2024 / 06:31 PM IST

नयी दिल्ली, 22 अक्टूबर (भाषा) पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को कहा कि दुनिया के पास पर्याप्त कच्चा तेल है और बाजार में आपूर्ति अधिक हो रही है, इससे कच्चे तेल की कीमतें कम होने की उम्मीद है।

उन्होंने यहां एक कार्यक्रम के दौरान संवाददाताओं से अलग से बातचीत कहा, ‘‘तेल की कोई कमी नहीं है।’’ लेकिन वैश्विक स्तर पर तनाव के कारण संघर्ष वाले क्षेत्रों से बचने के लिए माल ढुलाई और बीमा शुल्क बढ़ जाता है जिसके कारण कीमतें बढ़ जाती हैं।

पुरी ने उम्मीद जताई कि बेहतर समझ कायम होगी और कूटनीति को प्राथमिकता मिलेगी।

उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर तनाव के बावजूद दुनिया में कच्चे तेल की कोई कमी नहीं है और ब्राजील और गुयाना जैसे देशों से अधिक आपूर्ति बाजार में हो रही है।

मंत्री ने कहा कि उपलब्धता को लेकर कोई चिंता नहीं है, हम समस्या से पार पाने को लेकर आश्वस्त हैं।

उल्लेखनीय है कि भारत अपनी कच्चे तेल की जरूरत का 85 प्रतिशत से अधिक आयात करता है और वैश्विक दरों में कोई भी वृद्धि न केवल आयात बिल को बल्कि मुद्रास्फीति को भी बढ़ाती है।

उन्होंने कहा, ‘‘निजी तौर पर मेरा मानना है कि तेल की कीमतें स्थिर रहेंगी और नीचे आएंगी…।’’

इस महीने की शुरुआत में, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें लगभग 70 डॉलर प्रति बैरल से बढ़कर 78 डॉलर प्रति बैरल से अधिक हो गयी थीं। इसका कारण पश्चिम एशिया में बढ़ता तनाव था। बाजार यह देखने के लिए इंतजार कर रहा था कि क्या इजराइल, ईरान के हमले के बाद कोई जवाबी कार्रवाई करेगा। उसके बाद से तेल के दाम गिरकर 73-74 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर आ गया है।

ईरान के मिसाइल हमले के बाद यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इजराइल, ईरान में तेल या परमाणु सुविधाओं को निशाना बना सकता है। दूसरी तरफ तेहरान या तो इजराइल पर सीधा हमला करके या फिर दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण तेल पारगमन मार्ग… होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करके जवाब देने का विकल्प चुन सकता है। इससे तेल की कीमतें और बढ़ जाएंगी।

ओमान और ईरान के बीच स्थित होर्मुज जलडमरूमध्य फारस की खाड़ी को ओमान की खाड़ी और अरब सागर से जोड़ता है। वैश्विक तेल का पांचवां हिस्सा इसी जलडमरूमध्य से गुजरता है। सभी प्रमुख तेल उत्पादकों… सऊदी अरब, इराक, कुवैत और संयुक्त अरब अमीरात से तेल जलडमरूमध्य के रास्ते निर्यात किया जाता है।

केवल सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के पास परिचालन पाइपलाइन हैं जिससे होर्मुज जलडमरूमध्य के प्रभावित होने से उस पर असर नहीं होगा।

भाषा रमण अजय

अजय