मूल्यवर्धित हीरे की मांग बढ़ने से अक्टूबर में रत्न, आभूषण निर्यात 9.18 प्रतिशत बढ़ा: जीजेईपीसी

मूल्यवर्धित हीरे की मांग बढ़ने से अक्टूबर में रत्न, आभूषण निर्यात 9.18 प्रतिशत बढ़ा: जीजेईपीसी

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  • Publish Date - November 15, 2024 / 05:28 PM IST,
    Updated On - November 15, 2024 / 05:28 PM IST

मुंबई, 15 नवंबर (भाषा) तराशे गये और पॉलिश हीरे की मांग में सुधार के कारण अक्टूबर में भारत का रत्न और आभूषण निर्यात 9.18 प्रतिशत बढ़कर 299.80 करोड़ डॉलर (25,194.41 करोड़ रुपये) हो गया है। रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

पिछले वर्ष के अक्टूबर माह में कुल निर्यात 274.61 करोड़ डॉलर (22,857.16 करोड़ रुपये) था।

उसने कहा कि इस वर्ष अक्टूबर माह में सीपीडी (तराशे गये एवं पॉलिश किये गये हीरे) का निर्यात 11.32 प्रतिशत बढ़कर 140.36 करोड़ डॉलर (11,795.83 करोड़ रुपये) का हो गया, जबकि एक वर्ष पूर्व इसी माह में यह 126.1 करोड़ डॉलर (10,495.06 करोड़ रुपये) रहा था।

जीजेईपीसी के चेयरमैन विपुल शाह ने कहा, ‘‘यह हमारे उद्योग के लिए एक स्वागतयोग्य राहत है, क्योंकि हमने अक्टूबर में 9.18 प्रतिशत की निर्यात वृद्धि दर्ज की है। उल्लेखनीय रूप से, तराशे गये और पॉलिश किए गए हीरे का निर्यात अक्टूबर, 2023 की तुलना में 11.32 प्रतिशत बढ़ा है। हमें उम्मीद है कि खासकर पश्चिम में छुट्टियों के मौसम को देखते हुए बढ़त की यह प्रवृत्ति जारी रहेगी जो रत्न और आभूषण की मांग को और बढ़ाएगा।

शाह ने कहा कि इसके अलावा परिषद मौजूदा बाजारों में मांग को मजबूत करते हुए नए बाजारों में विस्तार करने के लिए ठोस प्रयास कर रही है।

उन्होंने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव जीतने के साथ, ‘‘हम भू-राजनीतिक परिदृश्य को स्थिर करने और अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के उनके वादे के प्रति आशावादी हैं, जो व्यापार, व्यवसाय और आपूर्ति श्रृंखलाओं में पुनरुद्धार का समर्थन करेगा, और अंततः रत्न और आभूषणों की वैश्विक मांग को बढ़ायेगा।’’

जीजेईपीसी के आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर, 2024 में सोने के आभूषणों का निर्यात भी 8.8 प्रतिशत बढ़कर 112.45 करोड़ डॉलर (9,449.37 करोड़ रुपये) का हो गया, जबकि एक साल पहले इसी महीने में यह 103.36 करोड़ डॉलर (8,603.33 करोड़ रुपये) रहा था।

पॉलिश किए गए प्रयोगशाला में विकसित हीरों का निर्यात पिछले महीने 1.27 प्रतिशत बढ़कर 13.81 करोड़ डॉलर (1,160.70 करोड़ रुपये) का हो गया, जबकि पिछले साल अक्टूबर में 13.64 करोड़ डॉलर (1,135.16 करोड़ रुपये) का निर्यात हुआ था।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय