जीई एविएशन इंजन को अधिक लचीला और स्थिति के अनुरूप बदले वाला बनाने पर काम कर रहा है: वरिष्ठ अधिकारी

जीई एविएशन इंजन को अधिक लचीला और स्थिति के अनुरूप बदले वाला बनाने पर काम कर रहा है: वरिष्ठ अधिकारी

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  • Publish Date - September 25, 2024 / 11:41 AM IST,
    Updated On - September 25, 2024 / 11:41 AM IST

(मनोज राममोहन)

नयी दिल्ली, 25 सितंबर (भाषा) जीई एयरोस्पेस अपने इंजनों को अधिक लचीला और स्थिति के अनुरूप बदलने वाला बनाने पर काम कर रही है, ताकि विमानन कंपनियां विषम परिस्थितियों में भी उनका संचालन कर सकें। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।

जीई एयरोस्पेस के जीईएनएक्स वाणिज्यिक विमानन इंजनों ने दक्षिण एशिया की विमानन कंपनियों के साथ उड़ान के 20 लाख घंटे पूरे किए हैं।

दक्षिण एशिया में एयर इंडिया, विस्तारा और बिमान बांग्लादेश के ‘वाइड बॉडी’ बोइंग विमान में 90 जीईएनएक्स इंजन लगे हैं। इन इंजनों द्वारा तय किए गए उड़ान के 20 लाख घंटों में से 90 प्रतिशत एयर इंडिया समूह के हैं।

जीई एयरोस्पेस में वाणिज्यिक कार्यक्रम के उपाध्यक्ष (समूह) महेंद्र नायर ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि वैश्विक स्तर पर इन इंजनों का इस्तेमाल 5.1 करोड़ घंटों की उड़ान के लिए किया गया। भारत में इनका इस्तेमाल तेजी से बढ़ेगा, क्योंकि इन इंजनों वाले अधिक विमान बाजार में आने वाले हैं।

एयर इंडिया की योजना 20 बोइंग 787 विमानों को शामिल करने की है, जो 40 जीईएनएक्स इंजन द्वारा संचालित होंगे।

जीईएनएक्स इंजन पहली बार 2012 में दक्षिण एशिया में वितरित किए गए थे। इन इंजनों ने दक्षिण एशियाई विमानन कंपनियों के साथ उड़ान के 20 लाख घंटे पूरे कर लिए है।

नायर ने राष्ट्रीय राजधानी में ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ साक्षात्कार में कहा, ‘‘ गर्म और अधिक ऊंचाई वाले वातावरण में जब हवा का दबाव कम होता है, तो इंजन के लिए काम करना आमतौर पर चुनौतीपूर्ण हो जाता है। इसलिए, हमने इंजन की संरचना इस तरह से बनाई है कि यह वास्तव में ऐसी स्थितियों में काम कर सके।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ हम इंजन को बहुत लचीला और स्थिति के अनुरूप बदलने वाला बनाते हैं, ताकि विमानन कंपनियां विषम परिस्थितियों में भी उनका संचालन कर सकें।’’

उन्होंने कहा कि जीईएनएक्स इंजन दक्षिण एशिया के विमानन वृद्धि को समर्थन देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

भारत (जो दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते नागरिक विमानन बाजारों में से एक है) में इन इंजनों का इस्तेमाल एयर इंडिया और विस्तारा के बोइंग 787 विमानों में किया जाता है। विस्तारा एयर इंडिया और सिंगापुर एयरलाइंस के बीच एक संयुक्त उद्यम है।

जीई एयरोस्पेस के दक्षिण एशिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विक्रम राय ने कहा, ‘‘ ये इंजन इस क्षेत्र में उड़ान के 50 लाख घंटे पूरे करने का लक्ष्य हासिल कर सकते हैं। अब बेड़ा स्थिर हो गया है और एयर इंडिया भी अपने ऑर्डर बुक में शामिल बोइंग 787 को इसमें शामिल करेगी।

उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी ईंधन की खपत, उत्सर्जन तथा इंजनों की स्थिरता में सुधार लाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है।

भाषा निहारिका मनीषा

मनीषा