Gautam Adani Arrest Warrant: भारतीय बिजनेसमैन गौतम अडानी पर यूनाइटेड स्टेट्स अटॉर्नी ऑफिस ने धोखाधड़ी और रिश्वत का बड़ा आरोप लगाया है। बता दें कि, न्यूयॉर्क फेडरल कोर्ट ने गौतम अडानी को सोलर कॉन्ट्रैक्ट के लिए अरबों डॉलर की रिश्वत देने और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को गुमराह करने के आरोप में दोषी ठहराया है। गौतम अडानी के साथ करीब सात लोगों पर यह आरोप लगाया गया है। आरोपों के बाद अडानी एंटरप्राइजेज ने बॉन्ड के जरिये 60 करोड़ डॉलर जुटाने की योजना को रद्द कर दिया है।
अमेरिकी निवेशकों को धोखा देने का आरोप
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह रिश्वत सोलर एनर्जी कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को दी गई थी। अडानी की तरफ से पिछले दिनों ग्रीन एनर्जी सेक्टर में भारी निवेश करने की घोषणा की गई थी। यह घोषणा ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी की तरफ से अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप को चुनावी जीत पर बधाई देने के साथ की गई। दरअसल, ट्रंप ने एनर्जी कंपनियों के लिए नियमों को आसान बनाने का वादा किया है, जिससे उन्हें फेडरल लैंड पर ड्रिलिंग करने और पाइपलाइन बनाने में आसानी होगी। दूसरी तरफ अमेरिका के सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) की तरफ से गौतम अडानी पर अमेरिकी निवेशकों को धोखा देने और अधिकारियों को रिश्वत देने का आरोप लगाया गया है।
अरबों डॉलर के प्रोजेक्ट से जुड़ा है मामला
गौतम अडानी, उनके भतीजे सागर अडानी (30), अडानी ग्रीन एनर्जी के अधिकारी और एज्योर पॉवर ग्लोबल लिमिटेड के एक एग्जीक्यूटिव सिरिल कैबनेस पर मल्टी-बिलियन- डॉलर की योजना के तहत अमेरिकी निवेशकों और ग्लोबल फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट से पैसा प्राप्त करने के लिए झूठे और भ्रामक बयानों के जरिये प्रतिभूति और वायर धोखाधड़ी करने की साजिश रचने का आरोप लगाया गया है। इन आरोपों का संबंध एक अरबों डॉलर के प्रोजेक्ट से बताया जा रहा है।
265 मिलियन डॉलर की दी रिश्वत
आरोप पत्र में कहा गया कि, अडानी और अन्य लोगों ने करीब 265 मिलियन डॉलर की रिश्वत दी है। उन्हें उम्मीद थी कि इन कॉन्ट्रैक्ट से अगले दो दशक में 2 बिलियन डॉलर से ज्यादा का फायदा होगा। SEC का यह भी दावा है कि योजना में शामिल कुछ लोगों ने गौतम अडानी के लिए ‘न्यूमेरो उनो’ और ‘द बिग मैन’ जैसे कोड वर्ड का यूज किया. आरोप लगा है कि अडानी, उनके भतीजे सागर अडानी और एक अन्य एग्जीक्यूटिव वनीत जैन ने अडानी ग्रीन एनर्जी के लिए 3 अरब डॉलर से ज्यादा के लोन और बॉन्ड हासिल करने के लिए लेनदारों और निवेशकों से रिश्वखोरी को छिपाये रखा।
जांच में बाधा डालने का आरोप
सौरभ अग्रवाल, साइरिल कैबेनिस, दीपक मल्होत्रा और रुपेश अग्रवाल पर यह गंभीर आरोप है कि उन्होंने एफबीआई और US सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन की जांच में दखल डाली है। इन लोगों ने जांच को रोकने की साजिश भी रची थी। वहीं आरोप लगाया गया है कि, इन चारों ने मिलकर स्कीम से जुड़े ईमेल, मैसेज और एनालिसिस भी छुपाए हैं।
अडानी ग्रुप की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं
हालांकि, इस मामले को लेकर अभी तक अडानी ग्रुप की तरफ से इन आरोपों पर किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि गौतम अडानी और सागर अडानी के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया गया है। अमेरिकी सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने दो लोगों और एक अन्य व्यक्ति, सिरिल कैबनेस के खिलाफ संबंधित दीवानी आरोप दाखिल किए हैं।