एथनॉल-डीजल, हरित हाइड्रोजन उत्पादन में विविधीकरण का रास्ता तलाशे चीनी उद्योग : गडकरी

एथनॉल-डीजल, हरित हाइड्रोजन उत्पादन में विविधीकरण का रास्ता तलाशे चीनी उद्योग : गडकरी

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  • Publish Date - December 19, 2024 / 07:51 PM IST,
    Updated On - December 19, 2024 / 07:51 PM IST

नयी दिल्ली, 19 दिसंबर (भाषा) सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बृहस्पतिवार को चीनी उद्योग से एथनॉल-डीजल मिश्रण और हरित हाइड्रोजन उत्पादन सहित विविधीकरण के लिए कई रास्ते तलाशने का आह्वान किया।

भारतीय चीनी और जैव-ऊर्जा निर्माता संघ (इस्मा) की वार्षिक आम बैठक को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए मंत्री ने निजी क्षेत्र की भागीदारी सहित एथनॉल और सीएनजी पंप स्थापित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

जीवाश्म ईंधन के विकल्प के रूप में फ्लेक्स इंजन, एथनॉल आधारित इंजन और बायो-सीएनजी की अपार संभावनाएं हैं।

उन्होंने कहा कि टाटा, सुजुकी और टोयोटा सहित पांच वाहन निर्माता बाजार में फ्लेक्स इंजन ईंधन कारें पेश करने के लिए तैयार हैं और उन्होंने ट्रैक्टर निर्माताओं से वैकल्पिक ईंधन पर ट्रैक्टर बनाना शुरू करने का आग्रह किया।

मंत्री ने बाजार के अवसरों का विस्तार करने के लिए बांग्लादेश, भूटान, नेपाल और श्रीलंका जैसे पड़ोसी देशों को एथनॉल निर्यात करने की संभावनाओं की तलाश करने का सुझाव दिया।

उन्होंने वैकल्पिक ईंधन स्रोत के रूप में हरित हाइड्रोजन की क्षमता पर जोर दिया और चीनी और एथनॉल उद्योगों में मौजूदा बुनियादी ढांचे का उपयोग करके हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करने का सुझाव दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पता है कि चीनी बनाना कोई आकर्षक काम नहीं है, लेकिन साथ ही, एथनॉल, सीएनजी, हाइड्रोजन और अन्य उप-उत्पादों के कारण हम उद्योग में उत्पादकता और लाभप्रदता बढ़ा सकते हैं।’’

मंत्री ने कहा, ‘‘उद्योग को नैनो-उर्वरक और ड्रोन छिड़काव जैसी आधुनिक तकनीकों के माध्यम से गन्ना उत्पादकता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।’’

मंत्री ने कहा कि सरकार चीनी निर्यात और न्यूनतम बिक्री मूल्य (एमएसपी) के संबंध में उद्योग के अनुरोध पर भी विचार करेगी।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं इसमें आपकी मदद करने की पूरी कोशिश करूंगा क्योंकि यह देश और किसानों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हमें कोई रास्ता निकालना होगा।’’

मंत्री के अनुसार, इन पहल का उद्देश्य उपभोक्ताओं और किसानों दोनों के हितों की रक्षा करते हुए इस क्षेत्र की लाभप्रदता को बढ़ाना है।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय