नयी दिल्ली, आठ मार्च (भाषा) ई- वाणिज्य मंच अमेजन और बिग बाजार चलाने वाले फ्यूचर समूह में जारी कानूनी लड़ाई के बीच बिग बाजार के लिये काम करने वाले महिला समूह ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से उनकी जीविका की रक्षा के लिये मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भेजे एक पत्र में बिग बाजार एसओएस समूह की महिलाओं ने कहा है, ‘‘फ्यूचर रिटेल और रिलायंस के बीच एक समझौता हुआ है जिसके तहत फ्यूचर रिटले के स्टोरों को रिलायंस इंडस्ट्रीज द्वारा चलाया जायेगा। रिलायंस ने इसके साथ ही फ्यूचर रिटेल के आपूर्तिकर्ताओं और विक्रेताओं के भी सभी बकाये का भुगतान करने की प्रतिबिद्धता जताई है।’’
प्रधानमंत्री को अंतरराष्ट्रीचय महिला दिवस के मौके पर भेजे गये इस पत्र में कहा गया है, ‘‘कोरोना वायरस महामारी के दौरान जहां हमें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा, वहीं इस सौदे से हमें अपनी जीविका आगे भी बेहतर ढंग से जारी रहने की उम्मीद बंधी थी .. लेकिन अमेजन … के इस गठबंधन को रोकने के प्रयास के चलते हमारी और हमारे परिवार की रोजी रोटी के समक्ष खतरा पैदा हो रहा है।’’
बिग बाजार से जुड़े इस समूह का दावा है कि उसके साथ दो लाख से अधिक महिलायें जुड़ी हैं। इनमें दस हजार के करीब महिलायें तो सीधे फ्यूचर समूह से जुड़ी हैं जबकि अन्य दो लाख के करीब महिलायें अप्रत्यक्ष तौर पर अपनी जीविका समूह के जरिये कमाती हैं। ये महिला समूह फ्यूचर समूह के बिग बाजार ब्रांड के लिये उत्पादों की आपूर्ति करते हैं। समूह के अन्य ब्रांड जैसे एफबीबी, सेंटंल ब्रांड फैक्टरी, ईजीडे, हेरिटेज सिटी, डब्ल्यूएच स्मिथ और 7-इलेवन आदि को भी उत्पादों की आपूर्ति की जाती है।
समूह ने कहा है कि उनका रोजगार छिन जाने के बाद उन्हें और उनके पारिवार को गहरा झटका लगेगा। इसके परिणामस्वरूप उन्हें गहरी कठिनाई से गुजरना पड़ सकता है।
महिला समूह ने कहा है कि यदि फ्यूचर समूह- रिलायंस के बीच हुये समझौते में अमेजन को हस्तक्षेप करने देने की अनुमति दी गई तो इसका इन छोटे शहरों में जीविका का भरण पोषण करने वाले महिला समूहों पर बुरा असर होगा।
देश के छह हजार के करीब छोटे कारोबारियों और आपूर्तिकर्ताओं का फ्यूचर समूह पर 6,000 करोड़ रुपये का बकाया है।
फ्यूचर समूह और अमेजन इस समय कानूनी लड़ाई में उलझे हुये हैं। फ्यूचर समूह के खुदरा और थोक कारोबार को रिलायंस रिटेल को बेचने का समझौता हुआ है जिसमें अमेजन ने आपत्ति जताई है। दोनों पक्षों ने कई कानूनी मंचों पर यह मामला उठाया है।
भाषा
महाबीर
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