नयी दिल्ली, 25 नवंबर (भाषा) फ्रांस की प्रमुख ऊर्जा कंपनी टोटल एनर्जीज ने सोमवार को कहा कि वह अदाणी समूह की कंपनियों में तब तक कोई नया निवेश नहीं करेगी जब तक कि भारतीय कंपनी के संस्थापक (गौतम अदाणी) को रिश्वत के आरोपों से मुक्त नहीं कर दिया जाता।
हालांकि, पिछले साल हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद अदाणी में बड़ी राशि का निवेश करने वाले जीक्यूजी पार्टनर्स का कहना है कि आरोप केवल व्यक्तियों के खिलाफ है और समूह में लगाये गये निवेश में कुछ भी गलत नहीं है।
टोटल एनर्जीज उद्योगपति गौतम अदाणी की कंपनियों में सबसे बड़े विदेशी निवेशकों में से एक है। उसने पूर्व में समूह के नवीकरणीय ऊर्जा उद्यम अदाणी ग्रीन एनर्जी लि. और शहरों में गैस वितरण करने वाली इकाई अदाणी टोटल गैस लि. (एटीजीएल) में हिस्सेदारी ली थी।
फ्रांस की कंपनी ने कहा कि उसे अमेरिकी अधिकारियों द्वारा अदाणी ग्रीन एनर्जी लि. के लिए सौर ऊर्जा आपूर्ति अनुबंध हासिल करने को लेकर भारतीय अधिकारियों को कथित तौर पर 26.5 करोड़ डॉलर की रिश्वत देने के मामले में शामिल होने के लिए गौतम अदाणी और दो अन्य अधिकारियों पर आरोप लगाये जाने के मामले का पता चला है।
टोटल एनर्जीज ने कहा, ‘‘यह मामला न तो अदाणी ग्रीन एनर्जी को निशाना बनाता है, न ही उससे संबंधित किसी कंपनी को।’’
उसने कहा, ‘‘जब तक अदाणी समूह के व्यक्तियों के खिलाफ आरोप और उनके परिणाम स्पष्ट नहीं हो जाते, टोटल एनर्जीज अदाणी समूह की कंपनियों में निवेश के हिस्से के रूप में कोई नया वित्तीय योगदान नहीं करेगी।’’
अदाणी समूह ने अमेरिकी अदालत में लगाये गये आरोपों को खारिज करते हुए उसे पूरी तरह से आधारहीन बताया है। उसने कहा है कि वह मामले में हरसंभव कानूनी कदम उठाएगा।
टोटल एनर्जीज के पास अडाणी ग्रीन एनर्जी लि. में 19.75 प्रतिशत हिस्सेदारी है। यह कंपनी गौतम अदाणी की नवीकरणीय ऊर्जा इकाई है। कंपनी की तीन संयुक्त उद्यम इकाइयों में भी 50 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
फ्रांस की कंपनी के पास अदाणी टोटल गैस लि. में 37.4 प्रतिशत हिस्सेदारी है। यह कंपनी वाहनों के लिए सीएनजी की खुदरा बिक्री करती है और खाना पकाने के लिए घरों में प्राकृतिक गैस पहुंचाती है।
फ्रांसीसी कंपनी ने बयान में कहा, ‘‘आचार संहिता के अनुसार, टोटल एनर्जीज किसी भी रूप में भ्रष्टाचार को खारिज करती है। मामले में टोटल एनर्जीज कहीं नहीं है। ऐसे में अदाणी ग्रीण में अपनी अल्पांश 19.75 प्रतिशत हिस्सेदारी और संयुक्त उद्यम भागीदार (50 प्रतिशत) के रूप में अपने हितों की रक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगी।’’
वहीं अदाणी समूह की कंपनियों में 8.1 अरब डॉलर का निवेश करने वाली जीक्यूजी ने कहा, ‘‘बुनियादी रूप से कारोबार के मामले में, हम मानते हैं कि प्रत्येक व्यक्तिगत कंपनी भविष्य के लिए अच्छी स्थिति में है।’’
जीक्यूजी ने एक नोट में कहा, ‘‘21 नवंबर तक अदाणी में हमारे निवेश पर कुल मिलाकर सकारात्मक रिटर्न मिला है।’’
इसमें कहा गया है कि रिश्वत के आरोप केवल अदाणी ग्रीन एनर्जी से संबंधित हैं, अदाणी की कंपनियों से नहीं।
इसमें कहा गया है, ‘‘हालांकि आरोप गंभीर हैं, लेकिन वैश्विक कंपनियों और उनके अधिकारियों के ऐसे कई उदाहरण हैं, जिन्हें महत्वपूर्ण सरकारी कार्रवाई का सामना करना पड़ा है। इन कार्रवाइयों और जांच को हल करने में आम तौर पर वर्षों लग जाते हैं और दंड या जुर्माना कम हो सकता है।’’
अदाणी ग्रीन एनर्जी को छोड़कर जीक्यूजी को इस समय अदाणी समूह की किसी अन्य कंपनी को अतिरिक्त वित्तपोषण की आवश्यकता नहीं दिख रही।
इसमें कहा गया है, ‘‘घरेलू बैंकों, विशेष रूप से भारत के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा अदाणी समूह को कर्ज बंद करने के कोई संकेत नहीं हैं। उसका मानना है कि व्यक्तियों पर जुर्माना या प्रतिबंध लगने के बावजूद भी कंपनियां काम करना जारी रखेंगी।’’
टोटल एनर्जीज ने कहा कि उसने अदाणी की कंपनियों में निवेश नियमों का अनुपालन करते हुए किया है। यह उसकी अपनी आंतरिक संचालन प्रक्रियाओं के अनुरूप भी है।
बयान में कहा गया, ‘‘विशेष रूप से, टोटल एनर्जीज को कथित भ्रष्टाचार योजना की जांच के बारे में जानकारी नहीं दी गयी थी।’’
टोटलएनर्जीज ने जनवरी, 2021 में सूचीबद्ध कंपनी अदाणी ग्रीन एनर्जी लि. में छोटी हिस्सेदारी हासिल की थी। कंपनी में अब उसके पास 19.75 प्रतिशत हिस्सेदारी है। भारत में नवीकरणीय ऊर्जा में विकास को गति देने की अपनी रणनीति के तहत इसने नवीकरणीय संपत्तियों का संचालन करने वाले तीन संयुक्त उद्यमों (2020 में एजीईएल 23, 2023 में एआरईएल9 और 2024 में एआरईएल 64) में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी भी हासिल की थी।
भाषा रमण अजय
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